पञ्च राज्यों में विधानसभा के चुनावों का शंखनाद हो चूका हैं. उत्तर प्रदेश चुनावों के लिहाज़ से हमेशा से महत्वपूर्ण प्रदेश रहा हैं. चुनावों की घोषणा के बाद से राजनितिक हलचलें भी तेज हो गयी हैं. चुनावों की घोषणा के साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गयी हैं. उत्तर प्रदेश की जनता का मन टटोलने के लिए अब ओपिनियन पोल की सहायता ली जा रही हैं.
एबीपी न्यूज़ के ओपिनियन पोल में समाजवादी पार्टी सबसे बड़ा दल बनाती नज़र आ रही हैं. एबीपी ओपिनियन पोल कहता है कि 30 फीसदी वोट के साथ समाजवादी पार्टी सबसे आगे है, बीजेपी को 27 और बीएसपी को 22 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. हालाँकि सपा में अभी किस तरह से उम्मीदवारों को टिकेट दिए जायेंगे और सीटों का बंटवारा कैसे होगा इस पर संशय बरकरार हैं. अगर अखिलेश यादव वाला खेमा और मुलायम सिंह यादव के समर्थक एक दुसरे के विरोध में उतरते हैं तो यक़ीनन सपा के वोटों का बंटवारा होगा और श्याद सपा यूपी का सबसे बड़ा दल न बन पायें.
इंडिया टुडे द्वारा किये गये ओपिनियन पोल में सबसे अधिक वोट भाजपा को मिलते दिख रहे हैं. एक्सिस-माई इंडिया द्वारा किये गये सर्वे में भाजपा को 206 से 216 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा हैं. यदि ऐसा हो पाया तो भाजपा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. नये पोल के हिसाब से इन चुनावों में भर्ती जनता पार्टी को 33% वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया जा रहा हैं. एक्सिस-माई इंडिया द्वारा अक्टूबर में किये गये ओपिनियन पोल में BJP को 31% ही वोट शेयर मिलता दिख रहा था. यानि नोट बंदी के बाद लोगों का विश्वास भाजपा में बढ़ा हैं. अगर केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो बीजेपी की लोकप्रियता पिछले सैलून के मुकाबले बहुत बड़ी हैं. इस इलाकें में भारतीय जनता पार्टी को 37% मतदाता पसंद कर रहे हैं.
यहाँ गौर करने लायक बात ये हैं कि उत्तर प्रदेश की सपा के अतिरक्त अन्य बड़ी क्षेत्रीय पार्टी बसपा एक्सिस-माई इंडिया व एबीपी दोनों के ही ओपिनियन पोल में तीसरे स्थान पर खिसकती दिख रही हैं. लेकिन सपा के बिखरने पर बसपा यह स्थिति जरुर बदल सकती हैं. कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश की राह अभी भी आसान नहीं हैं.