उत्तर प्रदेश में चुनावों के दुसरे चरण का मतदान कल हैं लेकिन भाजपा व अपना दल की मुश्किलें सुलझने का नाम नहीं ले रही हैं. अपना दल की अनुप्रिया पटेल पहले ही भाजपा से नाराज़ चल रही हैं. अब अपना दल के दर्जनों नेताओं ने चुनावी टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी दे दी हैं. विधानसभा अध्यक्ष संतराज पटेल व सुभाष चन्द्र पटेल इन्ही असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं. इन नेताओं ने अपना दल की नेता को अल्टीमेटम दे दिया हैं. इनकी मनाग हैं कि इन्हें टिकट दिया जाएँ अन्यथा ये सभी नेता कल यानि 15 फरवरी की शाम तक अपना दल की प्राथमिक सदसय्ता से इस्तीफ़ा दे देंगे.
कई अड़चनों के बाद भारतीय जनता पार्टी के लिए इस विधानसभा चुनाव के सियासी गलियारे से एक खुशखबरी मिली है. अपना दल व भाजपा में काफी दिनों से ठनाठनी भी चल रही थी. अनुप्रिया पटेल और भारतीय जनता पार्टी के बीच तब ठना-ठनी हुई जब बीजेपी ने इलाहाबाद के सोरांव से सुरेंद्र चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित पर दिया था, जिसके बाद से अनुप्रिया ने पार्टी के प्रवक्ता बिजेंद्र प्रताप सिंह को वाराणसी की दो और मिर्जापुर की दो सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करने आ आदेश दे दिया था. लेकिन अब दोनों ही दलों में समझोता हो गया हैं. अब बीजेपी की गठबंधन पार्टी अपना दल (सोनेलाल) ने वाराणसी के रोहनिया विधानसभा और मिर्जापुर के चुनार से अपने प्रत्याशियों के नाम वापस लेने की घोषणा कर दी है.
इसके बाद दोनों ही दलों के नेताओं ने चैन की साँस ली होगी. सपा कांग्रेस गठबंधन के बाद भाजपा के लिए यूपी की रहा थोड़ी कठिन भी हो गयी हैं. भाजपा के लिए यहाँ सबसे बड़ी मुश्किल ये थी कि उसके खुद के लोग ही बीजेपी के प्रत्याशियों के खिलाफ हो गए थे.
अपना दल की और से आये ब्यान में ये कहा गया हैं कि अपना दल के प्रवक्ता बिजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया की अनुप्रिया के आदेश के बाद वाराणसी की रोहनिया से अपने उम्मीदवार उदय सिंह पटेल और चुनार से अनिल सिंह पटेल का नाम वापस ले लिया है। अब मंगलवार को सोनभद्र के दुध्दी सीट को लेकर भी स्थिति साफ हो जाएगी जिसके बाद और भी परिवर्तन किये जा सकते हैं