भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व के जाने माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने नोट्बंदी को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा हैं की यह सरकार का एक बेहद ख़राब फैसला था और इसकी कोई जरूरत नहीं थी और वो भी इस समय जब देश की अर्थव्यवस्था ढलान पे हैं | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ये बातें इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस लीडरशिप समिट-2017 के 15वें सत्र में उस समय कहीं जब उनसे नोटबंदी को लेकर सवाल किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इस दौरान कहा कि मैं नहीं मानता हूं कि नोटबंदी की जरूरत थी | मैं नहीं मानता कि तकनीकी तौर पर या फिर आर्थिक तौर पर ऐसा साहस दिखाने की जरूरत थी
कम हुए इन्वेस्टमेंट और रोजगार – मनमोहन सिंह
नोटबंदी के फैसले पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इसकी देश को जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस फैसले की वजह से रोजगार के मौके कम हुए हैं। निजी क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट कम हुआ है और देश की अर्थव्यवस्था अब लोगों के खर्च के भरोसे ही चल पा रही है। उन्होंने कहा कि लैटिन अमेरिकी देशों को छोड़ दें तो किसी भी लोकतांत्रिक देश में नोटबंदी सफल नहीं रही है। नोटबंदी के फैसले की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट नजर आ रही है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहचान प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के तौर भी होती है। उन्हें 1990 के दशक के आर्थिक सुधारों का निर्माता भी माना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला लिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने का ऐलान किया था। उस समय इस्तेमाल हो रही कुल नकदी का 86 फीसदी हिस्सा था। इसके बाद सरकार की काफी आलोचना हुई लेकिन फिर भी मोदी सरकार ने इसे वापिस नहीं लिया