नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों खिलाफ आज विपक्ष के भारत बंद रखा। कांग्रेस ने भारत बंद की सफलता के लिए जनता को दी बधाई, सहयोगी दलों का भी आभार जताया। कांग्रेस ने प्रेस कॉफ्रेंस कर कांग्रेस ने बीजेपी पर जबरदस्त हमला बोला। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि, आज पूरे देश में भारत बंद का आवाह्न किया गया था जो पूरी तरह कामयाब रहा। इसके लिये मैं सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। यूपीए सरकार के दौरान जब वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते ईंधन की कीमतें बढ़ रही थीं, तो हमने आम लोगों से बोझ कम करने के लिए वैट घटा दिया था। मोदी सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही है।
चिंतित क्यों है भाजपा– गहलोत ने कहा कि, देश में ऐसा माहौल बना दिया गया कि मोदी जी आयेंगे तो आकाश से तारे तोड़कर ला देंगे। उनके लिए क्या-क्या नहीं बोले गया। मोदी जी की कथनी और करनी का अंतर उनके शब्दों में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि, बीजेपी कार्यकारिणी बैठक में कहा गया कि गठबंधन टिकेगा नहीं चलेगा नहीं… अगर टिकेगा नहीं तो भाजपा को चिंता क्यों हो रही है। आज जो भारत बंद हुआ वो ऐतिहासिक रहा है। जनता ने आगे बढ़कर भारत बंद किया है। अब तो सरकार को चेत जाना चाहिए और कीमतों को कम करना चाहिए। क्या कारण है कि राजस्थान सरकार को 4 प्रतिशत वैट कम करना पड़ा, जबकि गैस की कीमत में कोई कमी नहीं की गयी, आज देश में लोकतंत्र खतरे में है इसलिये भाजपा कोई जवाब नहीं दे रही है।
मौनी बाबा बन गए है मोदी– वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, आज प्रधानमंत्री तो संपूर्ण चुप्पी साध कर मौनी बाबा बन गये और उनके मंत्री भी मौनी बाबा बन गये हैं। 11 लाख करोड़ की टैक्स लूट जो मोदी सरकार कर रही है वो क्या अंतर्राष्ट्रीय कारणों से है और उनके नियंत्रण में नहीं है? कच्चा तेल 40 प्रतिशत कम होने के बावजूद डीजल-पेट्रोल की कीमत बढ़ गयी, ये 11 लाख करोड़ रुपये की लूट किसकी जेब में गयी? 29 देशों को मोदी जी 37 रुपये प्रति लीटर में डीजल बेच रहे हैं और 34 रुपये में पेट्रोल बेच रहे हैं। ये विश्वासघात नहीं तो क्या है।
पेट्रोल पम्प में बदलती है फोटो– सुरजेवाला ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि, हर पेट्रोल पंप पर मोदी जी की फोटो हर महीने बदली जाती है, उसका खर्चा हर महीने का 60 करोड़ रुपये का है। सुरजेवाला ने अमित शाह के पचास साल शसान करने वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि, केवल अहंकारी और निरंकुश शासक ही 50 साल तक बिना चुनाव के शासन करने का दावा कर सकते हैं।