अगर आप करते है प्राइवेट नौकरी तो संसद में आज पास हुए इस बिल को जरूर पढ़े

0
1233
gratuity bill passed today in the Parliament

ग्रेच्युटी से संबंधित उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2018 को गुरुवार को संसद में ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई। अब प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को 20 लाख रुपए तक टैक्‍स फ्री ग्रेच्‍युटी मिल सकेगी। गुरुवार को राज्यसभा में श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित करने के लिये पेश किया। जिस पर बिना चर्चा किए ध्वनिमत से मंजूर कर दिया गया। इससे पहले पिछले हफ्ते इस बिल को लोकसभा में मंजूरी मिल चुकी है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले ही 20 लाख रुपए तक टैक्‍स फ्री ग्रेच्‍युटी का प्रावधान है।

gratuity bill passed today in the Parliament

दस से बढ़कर बीस लाख हुई –

अभी संगठित क्षेत्र में 5 साल या इससे ज्यादा अवधि तक नौकरी कर चुके कर्मचारी नौकरी छोड़ने या रिटायर होने के बाद 10 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी के योग्य माने जाते हैं। लेक‍िन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह सीमा दुगुनी हो जाएगी। सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिये ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया।

कांग्रेस के समय तय हुई थी टैक्स सीमा –

इससे पहले ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री सीमा 2010 में तय की गई थी। तब से लेकर अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन लोकसभा में इस बिल के पास होने के बाद टैक्स फ्री ग्रेच्युटी का 20 लाख रुपये होने का रास्ता साफ हो गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन के बाद केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिये ग्रेच्यूटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये पहले ही कर दी गई थी।

नहीं जानते तो पढिये क्या है ग्रेच्युटी –

ग्रेच्युटी आपके वेतन, यानी आपकी सैलरी का वह हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानी एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है, और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को कंपनी द्वारा दिया जाता है। कब मिलेगी-ग्रेच्युटी किसी भी ऐसे कर्मचारी को दी जानी होती है, जो नौकरी में लगातार 4 साल, 10 महीने, 11 दिन तक काम कर चुका हो। ऐसे कर्मचारी की सेवा को पांच साल की अनवरत सेवा माना जाता है, और आमतौर पर पांच साल की सेवाओं के बाद ही कोई भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार बनता है।

प्राइवेट सेक्टर को लुभाने की तैयारे में सरकार –

जाहिर है की सरकारी नौकरी ना पाने वाले युवक कही न कही सरकार को कोष रहे होते है लकिन वो सरकार की नजर में एक बड़ा वोट बैंक होते है | तो मोदी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनावों से पहले ये बिल संसद में पास करवा दिया |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here