गुजरात !!! एक ऐसा राज्य जहाँ पे अधिक संख्या में पटेल निवास करते हैं और सबसे बड़ा वोट बैंक भी वही हैं | कहा जाता हैं की चुनाव में पटेलो ने अपना पूर्ण समर्थन जिस पार्टी को दे दिया वो जीत जाएगी | लेकिन यहाँ कुछ हार्दिक के साथ यानी की कांग्रेस के साथ हैं तो कुछ बीजेपी के साथ जिससे लगता हैं की खुद पटेलो में एकमत नहीं हैं जबकि ऐसा नहीं हैं | यहाँ भी दो तरह के पटेल हैं |
कड़वा और लेउआ पटेल –
गुजरात में पाटीदार-पटेल समुदाय दो वर्णों में बंटा हुआ है | कड़वा पाटीदार पटेल और लेउवा पाटीदार पटेल | हार्दिक पटेल खुद कड़वा पटेल है और हाल के गुजरात के शासन में सत्तारुढ़ पटेल-पाटीदार नेताओं में कड़वा पटेल नेताओ की संख्या ज़्यादा है | पाटीदार-पटेल भले ही दो वर्णों में हों, पर उनका मूल व्यवसाय और उनकी आर्थिक आय, खेती, पशुपालन और डेरी सहकारी क्षेत्र पर आधारित है | लेउवा पटेल ज़्यादातर सौराष्ट्र-कच्छ इलाके (गुजरात के पश्चिम तटीय क्षेत्र का इलाका) के राजकोट, जामनगर, भावनगर, अमरेली, जूनागढ़, पोरबंदर, सुरेंद्रनगर, कच्छ ज़िलों में ज़्यादातर पाए जाते हैं |
अब क्या समीकरण –
गुजरात के सीनियर पत्रकार भावेश शाह ने यहाँ का पूरा गणित समझा हुआ हैं और उन्होंने बीबीसी से बात करते हुए कहा की साल 2010 से अब तक पाटीदार-पटेल समुदाय नाराज़ होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी मानती है कि पाटीदार-पटेल समाज आज भी उनके साथ है | हार्दिक और उनके जैसे थोड़े भटके नौजवान समूचे पाटीदार समाज को गुमराह कर रहे हैं और उनकी रैलियों में भीड़ कांग्रेस के ज़रिये इकट्ठा की जाती है | पाटीदार-पटेल समाज भी अब हार्दिक की असलियत से वाकिफ़ हो चुका है कि हार्दिक का लक्ष्य आरक्षण से हटकर ख़ुद को राजनीति में आगे करना है | भावेश ने कहा की जो 80-85% पाटीदार-पटेल के वोट भाजपा को मिलते हैं वहीं पर हार्दिक पटेल सबसे बड़ी सेंध करने की फ़िराक में है | हार्दिक का कड़वा पटेल होने के कारण कड़वा पटेलों का समर्थन उनको हासिल है ऐसा माना जा रहा है | भावेश शाह कहते हैं, “ऐसे हालात में लेउवा पटेलों का समर्थन हार्दिक को मिलना कहीं न कहीं मुश्किल दिख रहा था, पर हाल ही में खोडलधाम (जो की लेउवा पटेलों के वर्चस्व वाला संस्थान है) के नेतृत्व के साथ हार्दिक की ‘अच्छी’ रही वार्ता ने गुजरात के राजनीतिक गलियारों में सर्दी के दिनों में पारा गर्म कर दिया है |
जाहिर हैं की अभी तक पटेलो के सबसे अधिक वोट बीजेपी को मिलते आये हैं लेकिन हार्दिक के आने के बाद कांग्रेस के हिस्से में अधिक वोट जाने तय हैं जिससे कांग्रेस जीत की और बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं |