मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भय्यू जी महाराज ने खुद को गोली मार ली। उन्हें फौरन इंदौर के बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक भय्यूजी महाराज ने अपने आवास पर खुद को लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारी है। अभी तक घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और शव को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन कर रही है। मध्य प्रदेश में भय्यू जी महाराज को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। ये उन्हीं 5 संतों में शामिल थे जिन्हें सरकार ने मंत्री का दर्जा देने का फैसला किया था। हालांकि भय्यूजी महाराज ने सरकार के इस फैसले को ठुकरा दिया था।
विवादों में फसे थे महाराज-
पिछले साल अपनी शादी को लेकर भय्यूजी महाराज विवादों में फंस गए थे। मल्लिका राजपूत नाम की एक्ट्रेस ने उनपर ‘मोहजाल’ में बांधकर रखने का आरोप लगाया था। आपको बता दें कि भय्यूजी महाराज का वास्तविक नाम उदय सिंह देखमुख है। उनका जन्म शुजालपुर (मध्य प्रदेश) के किसान परिवार में हुआ था। हाल में भय्यूजी महाराज का नाम उस वक्त चर्चा में आया था, जब उन्हें शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। इससे कुछ दिनों पहले भय्यूजी महाराज से जुड़ी दो और खबरें सुर्खियां बनी थीं। पहली उनकी शादी और दूसरी उन पर हमले की। पिछले साल अप्रैल 2017 में भय्यूजी महाराज ने दूसरी शादी की थी। उन्होंने ग्वालियर की डॉक्टर आयुषी के साथ सात फेरे लिए थे। भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी का डेढ़ साल पहले (नवंबर 2015 में) निधन हो गया था। पहली शादी से उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है। भय्यूजी महाराज कुछ समय पूर्व सार्वजनिक जीवन से संन्यास की घोषणा कर चुके थे, लेकिन अचानक उन्होंने शादी का फैसला लेकर सबको चौंका दिया था।
कई हस्तियों से सम्पर्क-
भय्यूजी महाराज का मुख्य आश्रम इंदौर के बापट चौराहे पर स्थित है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार जैसी हस्तियां उनके आश्रम आ चुकी हैं। भय्यूजी महाराज के पिता महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। भय्यूजी महाराज ने भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे को मनाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। कांग्रेस के नेता विलासराव देशमुख ने भय्यूजी महाराज से विशेष आग्रह किया था, जिसके बाद भय्यूजी महाराज ने अन्ना हजारे से संपर्क साधा था।
जाहिर है की माहराज के निधन से देशभर में शोक की लहर है और उनकी समर्थक में भी|