भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही | अब केंद्र सरकार में भाजपा की सहयोगी लोकजन शक्ति पार्टी (लोजपा) के सांसद चिराग पासवान ने कहा है कि भाजपा सहयोगी दलों से बात करे और इस पर विचार करे कि क्यों एनडीए में बिखराव हो रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार के उपचुनावों में हार और टीडीपी के एनडीए से अलग होने के सवाल पर चिराग ने कहा है कि भाजपा ने सहयोगियों को ना संभाला तो फिर 2019 की डगर मुश्किल हो जाएगी। हालांकि चिराग ने साफ कहा कि लोजपा एनडीए से अलग नहीं हो रही है लेकिन उन्होंने भाजपा को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भाजपा आलाकमान सोचना होगा कि ये क्या हो रहा है? केवल हार ही नहीं हो रही है, एनडीए के सहयोगी दल भी साथ छोड़ रहे हैं। शुक्रवार को संसद परिसर में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा कि उपचुनावों के भाजपा के लिए ये बड़ा संकेत है। उन्होंने कहा कि उपचुनावों के नतीजों को देखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मुश्किल से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कि पहले शिवसेना और अब तेलुगू देशम पार्टी एनडीए से अलग हो गई है। बिहार में जीतनराम मांझी अलग हो गए। उन्होंने कहा कि हो सकता है उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा भी महागठबंधन की ओर कूच कर जाए। पासवान ने कहा कि भाजपा को सोचना पड़ेगा कि सहयोगी क्यों नाराज हो रहे हैं। चिराग ने कहा कि भाजपा जहां नई जगहों पर चुनाव जीत रही है लेकिन अगर आप पहले से जीती हुई सीटों को नहीं बचा पा रहे हैं तो फिर सोचना होगा आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।
भावनाओ से नहीं बढ़ता फण्ड, जेटली ने कहा – चंद्रबाबू
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को एनडीए का साथ छोड़ने की वजह का खुलासा किया। एनडीए से नाता तोड़ने के बाद विधानसभा में बोलते हुए नायडू ने कहा कि, आंध्र के विभाजन के समय जो वादे किए गए थे। सरकार ने उन्हें पूरा नहीं किया। नायडू ने कहा कि अरुण जेटली ने कहा था कि भावनाएं फंड की राशि नहीं बढ़ा सकतीं। जबकि विभाजन के समय दोनों राज्यों के स्पेशल स्टेट देने का वादा किया था। केंद्र सरकार ने तेलंगाना की भावनाओं के ख्याल रखा लेकिन आंध्र की भावनाएं भूल गए। भावनाएं बहुत ताकतवर होती हैं। अब भी आप अन्याय कर रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि, टीडीपी कई समस्याओं से उभर चुकी है। मैंने ये फ़ैसला निजी स्वार्थ की वजह से नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के हितों को देखते हुए किया है। मैंने चार साल तक हर कोशिश की, 29 बार दिल्ली गया, कई बार कहा। हमने पीएम मोदी को भी पत्र लिखा, लेकिन इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।