केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पीएम मोदी को जान से मारने की साजिश के मामले पर सवाल उठाने को लेकर एनसीपी और कांग्रेस पर निशाना साधा है। जावड़ेकर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री को जान से मारने की साजिश के खुलासे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री पार्टी का नहीं देश का होता है और अगर उनकी जान के खतरे को भी कांग्रेस और दूसरी पार्टियां स्टंट कहती हैं तो ये राजनीति की निचला स्तर है।
जावेडकर ने विप्स्क को घेरा-
भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपियों के पास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जान से मारने की साजिश रचने वाला खत मिला था। जिसका खुलासा पुणे पुलिस ने किया है। इस चिट्ठी को लेकर संदेह व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि पीएम मोदी की हत्या की साजिश की खबर को सामने लाना सहानुभूति बटोरने का प्रयास है। कुछ और नेताओं ने जिस इस साजिश भरे खत की भाषा और पुलिस ने जिस तरह से इसे पेश किया है, उस पर सवाल उठाए हैं। जावड़ेकर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद राम कृपाल यादव ने राहुल गांधी के ओबीसी सम्मेलन में जाने पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दशकों तक देश में राज करने वाली कांग्रेस पार्टी ने कभी ओबीसी वर्ग की चिंता नहीं की और आज राहुल गांधी का ओबीसी समाज के प्रति प्रेम जागृत हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ओबीसी वर्ग को गुमराह कर वोट प्राप्त करने की राजनीति की लेकिन उनके उत्थान के लिए कभी कुछ नहीं किया।
राजनाथ की हाई लेवल मीटिंग-
इसके बाद सोमवार को होम मिनिस्ट्री में पीएम मोदी की सुरक्षा पर हाई लेवल मीटिंग हुई। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, पुणे पुलिस सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।
राजनाथ सिंह ने इस उच्च स्तरीय मीटिंग में पीएम की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के बाद निर्देश दिए। गृहमंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों से कहा कि, वे सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए जरुरी उपाय करें। सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्रालय को महाराष्ट्र पुलिस से एक रिपोर्ट मिली थी जिसमें माओवादी संगठनों से संबंध रखने वाले कुछ लोगों के बीच बातचीत का जिक्र है। जिसके बाद राजनाथ सिंह ने इस मीटिंग को बुलाया था। इसी बीच पीएम मोदी ने टॉप सुरक्षा अधिकारियों को वैसे एनजीओ की फंडिंग पर विशेष तौर पर निगरानी रखने को कहा है, जिन पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का संदेह है।
विपक्ष का ये कहना है-
विपक्ष का कहना है की चुनाव आते ही मोदी की लोकप्र्रियता गिरती है और वो ऐसा करवाते है|