भारतीय संस्कृति में इसका बहुत ही महत्व है | सर से लेकर पाँव तक सजना-संवरना और एक पूरी भारतीय नारी दिखना , इसी को ही कहते है सोलह श्रृंगार |
इसे आमतौर पे लडकिया शादी के एक साल तक या फिर किसी विशेष त्योहारों में करती है , लेकिन आजकल ऐसा कुछ संभव नहीं क्योकि शादी के 15 दिन बाद ही लड़की दफ्तर जाने लगती है और वह ये सब नहीं कर सकती |
आपको बताते है कौन कौन से श्रृंगार है इसमें –
- माथे का टीका –
सबसे ऊपर माथा होता है और वही से शुरू होता है सोलह श्रृंगार का ये सफर |
माथे में टीका सबसे पहला श्रृंगार है |
- बिंदिया –
सुन्दरता को बढ़ाने में सबसे सहायक यह एक स्त्री का मुख्य श्रृंगार है |
- काजल –
यह आँखों की सुन्दरता में चार चाँद लगा देता है |
- नथुनी –
इसका चलन आजकल बहुत कम है , लेकिन यह विज्ञान और संस्कृति दोनों की दृष्टि से बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है | इसे नाक में पहनते है जो की सुन्दरता को बढ़ा देती है|
- सिन्दूर –
आपकी शादी हो चुकी है और आप सुहागन है इसका सबसे बड़ा प्रमाण ये सिन्दूर ही है |मांग में सिन्दूर भरके ही कोई लड़का किसी लड़की को अपना बनता है | यह श्रृंगार का सबसे महत्वपूर्ण चीज है |
- मंगलसूत्र –
विवाह को मंगल बनाने वाली सबसे पवित्र चीज | आजकल इसको बहुत कम देखा जाता है लेकिन ये सुहागन की एक बहुत जरूरी चीज है | कहते है सुहागन स्त्री का गला कभी भी खाली नहीं रहना चाहिए और इसके लिए मंगलसूत्र है|
- इयर रिंग –
कान के बूंदे भी कह सकते है हम इनको |विज्ञान की माने तो कान की नसे नारी के नाभि से होकर पैरो तक पहुचती है जिससे उसके सहिष्णुता निर्धारित होती है |
यह सोलह श्रृंगार का मुख्य हिस्सा है और हर स्त्री को इसे जरूर धारण करना चाहिए |
- मेहंदी –
इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है और इसे लगाने से हाथ भी खूबसूरत लगता है |
- चूड़ी या कंगन –
यह एक सुहागन की निशानी हैं और भारतीय वेदों में इसका काफी उल्लेख मिलता हैं |
- गजरा –
वेदो इसका सम्बन्ध सुगंध से बताया गया हैं की जब औरत इसे पहन के घर में रहेगी तो घर का वातावरण सुगन्धित हो जाएगा |
- बाजूबंद –
अब इसका इस्तेमाल नहीं होता लेकिन सोलह श्रृंगार में ये भी आता है |
- अंगूठी –
आजकल अंगूठी पहनाना काफी चलन में है |ऊँगली का सम्बन्ध सीधे दिल से होता है |
- कमरबंद –
कमर के दर्द को नियंत्रित करने के साथ-साथ आपकी सुन्दरता को भी बढ़ाता है |
- पायल –
आप की पायल आपके श्रृंगार का मुख्य भाग है |
- बिछिया – सुहागन औरते इसे पहनती है और वैज्ञानिक दृष्टी से भी आवश्यक है |
- वस्त्र – एक अच्छे साडी आपके इस सोलह श्रृंगार को पूरी करती है , इसलिए साडी ही पहने |