उत्तर प्रदेश में आज छठें चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर थमने वाला हैं. यूपी के पूर्वांचल में मुख्य चुनावी मुद्दा यूँ तो विकास, कानून व्यवस्था और अपराधों पर रोक हैं लेकिन चुनाव प्रचार में जिस तरह की बयानबाजी हो रही हैं उससे सारा ध्यान केवल गधों व काम बनाम कारनामों की और मुड़ गया हैं. आज नेताओं के पास मतदाताओं को रिझाने का अंतिम अवसर हैं. ऐसे में सभी बड़े छोटे नेता आज चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगते दिखेंगे. आज सभी नेताओं के मुखारविंद से आपको अपराधिक छवि के प्रत्याशियों से दूर रहने व अमीर गरीब के बीच की खाई को पाटने जैसी बातें सुनने को मिल सकती हैं लेकिन जब आप आकंड़ो पर नज़र दौडायेंगे तो पता चलेगा कि कोई भी राजनितिक दल ऐसा नहीं हैं जिसने अपराधिक छवि वाले लोगों को टिकट न दिया हों.
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक फर्म्स (एडीआर) ने छठे चरण के चुनाव से जुड़े आंकड़ों को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि छठे चरण के चुनाव में करोड़पति और आपराधिक छवि वाले नेताओं की संख्या कुल उम्मीदवारों की 25 फीसदी है. उत्तर प्रदेश में शनिवार को होने वाले छठे चरण के चुनाव में कुल 160 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं. इनमें से 109 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज है.
यूपी चुनाव प्रचार के दौरान कानून व्यवस्था पर कड़े सवाल उठाने वाली मायावती की पार्टी छठे चरण में सबसे अधिक दागियों के साथ चुनावी मैदान में उतरी है. बसपा के 49 में से 24 यानी लगभग आधे उम्मीदवार दागी हैं. साथ ही अन्य पार्टियों को धन्ना सेठों की पार्टी बताने वाली बहनजी ने इस चुनावी दौर में सबसे अधिक करोडपति उम्मीदवारों को भी टिकट दिया हैं. बसपा के इस चरण में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब नौ करोड़ रुपये हैं.
इस रण के चुनाव में 17 फीसदी प्रत्याशियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिला हिंसा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. छठे चरण के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.58 करोड़ रुपये है. इस चरण में भी महज नौ फीसदी महिला प्रत्याशी मैदान में हैं. हालाँकि शैक्षिक योग्यता के हिसाब से इस चरण के उम्मीदवार अधिक पढ़े लिखें हैं. इस चरण में अपनी किस्मत आजमा रहे प्रत्याशियों में से 53% उम्मीदवार स्नातक या इससे ऊपर की योग्यता रखते हैं.