सारे देश की निगाहे इस वक्त गुजरात पे हैं और हर कोई जानना चाहता हैं की प्रधानमंत्री का स्टेट होने के वावजूद वहां पर नोट्बन्दी और जीएसटी को लेकर कैसा रवैया हैं और क्या बीजेपी को वोट मिएगे | जहाँ बीजेपी एक और इस समस्या में हैं वही दूसरी और उम्मीदवारी की लिस्ट जरी करने से बीजेपी में आन्तरिक कलह मच गई हैं और पार्टी के आलाकमान से नाराज किस आरे बेजीपे नेताओ ने उनके खिलाफ नारे लगायें और कुछ ने इस्तीफे दिए |
वरिष्ठ पार्टी नेता आईके जडेजा के समर्थकों ने गांधीनगर में पार्टी मुख्यालय पर इकट्ठा हुए और भाजपा के खिलाफ नारे लगाए। दरअसल जडेजा को सौराष्ट्र में वाधवान निर्वाचन क्षेत्र से टिकट नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में उनके समर्थक नाराज हैं। पार्टी ने शुक्रवार को 70 उम्मीदवारों की सूची घोषित की थी। जडेजा को इस सीट से टिकट मिलने की संभावना थी। इसके बजाय, पाटीदार समुदाय के एक उम्मीदवार – जिसने सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण की मांग पर सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ अभियान चलाया था, उसे टिकट दिया गया।
इन्होने भी दिया इस्तीफ़ा –
दूसरी ओर सौराष्ट्र के कोली समुदाय के एक प्रमुख नेता और कोडिनार से मौजूदा विधायक जेठा सोलंकी ने पार्टी से अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि सीट के उम्मीदवार को अभी घोषित नहीं किया गया है, लेकिन यह व्यापक रूप से अनुमान लगाया गया था कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। राज्य में भाजपा शासन के तहत दलितों पर अत्याचार होने का आरोप लगाते हुए सोलंकी ने कहा कि उन्हें यह पता चलने पर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी, वो इससे नाराज थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने भाजपा के विधायक और संसदीय सचिव के रूप में इस्तीफा दे दिया है। मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है क्योंकि पार्टी ने मेरे प्रतिनिधियों को सुनना बंद कर दिया है।’ अभी तक जारी की गई सूची के अनुसार भाजपा ने 19 नए चेहरों समेत 2012 के चुनावों में हार गए लोगों सहित बाकी दोहराए गए हैं। ग्यारह मौजूदा विधायकों को हटा दिया गया है। गुजरात की 182 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 8 दिसंबर और 14 दिसंबर को होगा। परिणाम 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
जाहिर हैं की गुजरात में बीजेपी की समस्या कम होने का नाम नहीं इ रही हैं | जहाँ एक और हार्दिक पटेल का साथ ना आना और दूसरी और ऐसे कलह का मच जाना बीजेपी को जरूर मुश्किलों में खड़ा कर सकता हैं | हांकी अब तक इस बात पे पार्टी के मुखिया अमित शाह और मोदी का कोई बयान नहीं आया हैं , अब देखना दिलचस्प होगा की वो इस समस्या को कैसे दूर करते हैं और नाराज विधायको को पार्टी में वापिस कैसे लाते हैं |