नोट बंदी के बाद से ही बड़े नोट आम जनता को मिल नहीं पा रहे है लेकिन आयकर विभाग के छापों में नये नोटों की बरामदगी रोज़ ही हो रही है. 2000 का नोट जिस समय प्रचलन में आया था तब इस तरह की अफवाहें थी कि इस नोट में एल चिप लगी हुई है और ये अपनी लोकेशन खुद ही बता सकता है.
हालाँकि इस सभी बातों को RBI ने सिरे से खारिज कर दिया था लेकिन जिस तरह से गुलाबी नोटों के रखने की जगह आयकर की टीम पहुँच जाती है, बहुत लोगों को लगता है कि कहीं चिप की बात सही तो नहीं है.
सोशल साइट्स ने अब चिप के बाद एक नयी बात निकाली है. इसके अनुसार ये नोट एक खास तरह की इंक से छापे गये है, ये एक रेडियोएक्टिव इंक है. इस थ्योरी को इसलिए भी बल मिल रहा है क्यूंकि काफी देश इस तरह की इंक का प्रयोग करते है जो कि इंडिकेटर के तरह काम करती है.
ऐसा खा जा रहा है कि इस इंक में P32 फास्फोरस का रेडियोएक्टिव व आइसोटोप है. बहुत कम मात्रा में इसका इस्तमाल हुआ है. इसलिए ऐसे घरों में जहाँ अधिल संख्या में पैसा जमा है उनकी लोकेशन आयकर विभाग को मिल जाती है. हालाँकि अभी इसकी पुष्टि किसी सरकारी अधिकारी ने नहीं की है. लेकिन नये नोटों की रोज़ बरामदगी से ये साफ़ है कि कुछ तो ऐसा जो इन नोटों की लोकेशन के बारें में बता रहा है.