इसरो ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा राकेट केंद्र के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रिमोट सेंसिंग सैटलाइट रिसोर्ससैट-2ए को लॉन्च सफलतापूर्वक किया. ये लौंचिंग सुबह 10:24 मिनट पर पीएसएलवी-सी36 की मदद से की गयी. राकेट प्रक्षेपण की उल्टी गिनती 36 घंटे के लिए 5 दिसंबर को 10.25 बजे शुरू हुई थी.
इस सैटलाइट का कुल वजन 1235 किलो है. यह सैटलाइट भारत के जमीनी संसाधनों के बारे में जानकारी देगा. इतना ही नहीं इस सैटलाइट से भारत की वन संपदा और जल संसाधनों के बारे में जानकारी मिलेगी. यह रिसोर्ससैट-1 और 2 की कड़ी का सैटलाइट है. इससे ये जानने में भी सहयता मिल सकेगी कि किस क्षेत्र में किस प्रकार के मिनरल होनी की अधिक संभावना है.
इससे पहले इसरो ने राकेट लांच करने के लिए अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को भी प्रस्ताव दे चुकी है. और बहुत से देशों के सैटलाइट इसरो के द्वारा लांच भी लिए गये है. जिसमें कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका भी शामिल है. इसरो 1994 से 2016 तक कुल 121 सैटेलाइट लांच कर चूका है, जिनमें विदेशी सैटेलाइट की संख्या ज्यादा है.
इसरो से 79 विदेशी और 42 भारतीय सैटेलाइट लांच हो चुके है. 2014 में भारतीय मंगलयान का पहले ही कोशिश में मंगल की कक्षा में पहुंच जाना इसरो की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है।
इसरो की सफलता में जीएसएलवी मार्क 2 के सफल प्रक्षेपण का भी जिक्र आता है. क्यूंकि इसमें इसमें भारत ने भारत निर्मित क्रायोजेनिक इंजन लगाया था. इसके सफल प्रक्षेपण के बाद भारत की बाहर के देशों पर निर्भरता कम हो गयी साथ ही इसरो का नाम अंतर्राष्ट्रीय मंच पर प्रसिद्ध हो गया.