जिग्नेश मेवाणी गुजरात का एक जाना माना चहेरा जिसने कुछ हद तक कांग्रेस की उम्मीदों में पानी फेर दिया हैं | कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को सूरत में होने वाली राहुल गांधी की रैली में अल्पेश ठाकोर के बाद जिग्नेश मेवाणी और पाटीदार नेता को राहुल के साथ मंच पर लाने की तैयारी थी। साथ ही हार्दिक पटेल और जिग्नेश पटेल से आधिकारिक तौर पर कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कराने की तैयारी थी लेकिन जिग्नेश मेवाणी ने ये कह कर कांग्रेस की सारी प्लानिंग को फेल कर दिया है कि वो गुजरात चुनाव में किसी भी दल के साथ नहीं जाएंगे ना बीजेपी और ना ही कांग्रेस।
मेवाणी ने की ये घोषणा –
गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि 2017 गुजरात चुनावों में वह किसी भी राजनैतिक पार्टी में शामिल नहीं होंगे। जिग्नेश मेवाणी का यह बयान गुजरात चुनाव में कांग्रेस की रणनीति को झटका माना जा रहा है। गुरुवार को कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों को विराम देते हुए राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संयोजक जिग्नेस मेवाणी ने घोषणा करते हुए कहा कि 2017 के विधानसभा चुनावों में वह किसी भी दल में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस में जाने की थी अफवाह –
इससे पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। ऐसी अकटलें तब आनी शुरु हो गई थी जब गुजरात में कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत ने दलित नेता जिग्नेश मेवाणी से मुलाक़ात की थी। इस खेल के पीछे बीजेपी का हाथ होने की खबरें है। क्योंकि जिग्नेश के इस दांव से बीजेपी को फायदा हो सकता है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को कांग्रेस के साथ आने का न्यौता दिया था। लेकिन अभी तक अल्पेश ठाकोर को छोड़कर किसी ने कांग्रेस नहीं ज्वॉइन की है।
कुछ ऐसे हैं बीजेपी की प्लानिंग –
युवा तिकड़ी के अलावा कांग्रेस जेडीयू नेता छोटूभाई वसावा को भी अपने ‘ग्रैंड अलायंस’ का हिस्सा बनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस महासचिव अशोक गहलौत पहले ही वसावा के साथ कई दौर की मीटिंग कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर गठबंधन हो जाता है तो वसावा के साथ मिलकर कांग्रेस को कई सीटों पर फायदा पहुंचने की उम्मीद है। कांग्रेस जितनी भी प्लानिंग कर रही है बीजेपी उसका काट निकाल ले रही है कांग्रेस को अभी जिग्नेश ने झटका दिया है और हार्दिक पटेल ने अपने पत्ते नहीं खोले है। इन सबका फायदा बीजेपी को होता हुआ दिख रहा है।