बार बार अपने बयानों से पलटने वाले जीतनराम मांझी ने आख़िरकार आज लालू यादव की पार्टी के साथ महागठबंधन का एलान कर दिया | पटना में लालू यादव के दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव से मुलाकात के बाद मांझी ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया | बार-बार बदलते अपने बयानों के लिए जाने-जाने वाले जीतनराम मांझी इस बार अपने बयान पर अटल दिख रहे हैं | हालाकि उनके एनडीए छोड़ने की अटकलें पहले से ही लग रही थीं. जीतनराम मांझी को लगने लगा था कि अब उन्हें वो महत्व नहीं दिया जा रहा है जिसके वो हकदार हैं | यही वजह है कि मांझी को जब महागठबंधन में अपनी सियासी नैया के लिए किनारा दिखा तो उन्होंने एनडीए का साथ छोड़ने का फैसला कर ही लिया |
nda से क्यों हुआ मोहभंग –
जीतनराम मांझी एनडीए के भीतर अपनी उपेक्षा से परेशान चल रहे थे | खासतौर से नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद उन्हें लगने लगा कि बीजेपी में उनकी अहमियत धीरे धीरे कम होती जा रही है | जिस सम्मान के वो कभी हकदार हुआ करते थे वही सम्मान अतीत की बात हो चली थी |पिछले साल जुलाई में नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से एनडीए सरकार बनने के वक्त भी उनका दर्द झलक गया था जब रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस को एलजेपी कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री पद की शपथ दिला दी गई | उस वक्त वो किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. जीतनराम मांझी को या उनके बेटे को या फिर उनकी पार्टी के किसी भी सदस्य को सरकार में जगह नहीं मिली. हालाकि जीतनराम मांझी अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं | रही-सही कसर इस बार विधानसभा उपचुनाव के दौरान पूरी हो गई. जहानाबाद और भभुआ विधानसभा के साथ-साथ अररिया में लोकसभा का उपचुनाव 11 मार्च को हो रहा है. जीतनराम मांझी जहानाबाद सीट पर दावा कर रहे थे. लेकिन, यहां भी उनके दावे को दरकिनार कर जेडीयू के खाते में सीट दे दी गई |
तो इस वजह से लालू ने बुलाया माझी को –
चारा घोटाले में आरोपी साबित हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जेल में बंद है और उन्हें अपने दोनों बेटों के राजनैतिक भविष्य की चिंता सता रही है जिसके लिए उन्होंने ऐसा किया है | दरअसल लालू प्रसाद यादव को अब ये समझ आ गया है की अकेले मुस्लिम – यादव वोट बैंक से इस बार वो बिहार में सरकार नहीं बना पायेगे जिसके लिए मांझी को पार्टी में बुलाकर उन्होंने दलित समीकरण साधने की कोशिश की है | वही आगामी 23 मार्च को बिहार में राज्यसभा चुनाव होने है और उम्मीद लगाईं जा रही है की 6 में से तीन सीटो पर नितीश कुमार विअज्यी होंगे जिसमे एक सीट बीजेपी और 2 सीट नितीश के खाते में जायेगी