आज का दिन मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वर्णिम हैं और इसे स्वर्णिम बनाने के पीछे हमारी सुप्रीम कोर्ट के जजों का हाथ हैं जिन्होंने तीन तलक को बंद करने का निर्णय लिया | लेकिन ये निर्णय लेना आसान नहीं था क्योकि जिन जजों ने ये निर्णय लिया हैं वो सभी अलग धर्मो से आते हैं | आइये जानते हैं उनके बारें में |
1 – मुख्य न्यायधीश जे. एस खेहर
जस्टिस ठाकुर के रिटायर होने के बाद देश के 44वें मुख्य न्यायधीश बनने वाले खेहर एक सिख हैं और 27 अगस्त को रिटायर होने वाले हैं लेकिन इससे पहले उन्होंने अपना नाम इतिहास के पन्नो में हमेशा के लिए जोड़ दिया |
2 – रोहिंग्टन फली नरीमन
नरीमन एक पारसी हैं | 1956 में जन्मे नरीमन महज 37 साल की उम्र में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर काउंसल बनकर इतिहास रचा था क्योंकि इस पोस्ट पर 45 साल का ही व्यक्ति बैठ सकता था लेकिन जस्टिस वेंकटचेलैया ने फरीमन के लिए नियमों में संशोधन किया था।
3 – कुरियन जोसफ
सर कुरियन एक क्रिस्चियन हैं और इन्होने केरल हाई कोर्ट से पानी वकालत शुरू की | दो बार चीफ जस्टिस रह चुके कुरियन अगले साल नवम्बर में रिटायर होंगे |
4 – अब्दुल एस नसीर
मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाले नसीर ने 1983 में कर्नाटक हाई कोर्ट से पानी वकालत शुरू की और इसी साल फरबरी में वो सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुए हैं |
5 – जस्टिस उदय उमेश ललित
उदय उमेश एक हिन्दू हैं और 1983 में बॉम्बे हाई कोर्ट से पानी वकालत शुरू की और 2014 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे और 2022 में रिटायर होगे |
देश के लिए एक एतिहासिक फैसला लेने वाले ये सभी जज अलग अलग धर्मों से आते हैं और सभी अलग अलग विचारधारा रखते हैं लेकिन इस फैसले में सबने सहमति दिखाई |