मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने है जिसे आगामी लोकसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहा जा रहा है क्योकि मध्यप्रदेश की सीट बीजेपी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और पिछले 15 सालों से शिवराज यहाँ मामा बनकर राज कर रहे है | लेकिन कोलारस और मुंगावली में मिली करारी हार के बाद एक और फैसले ने शिवराज की नींद उदा दी है और वो है ज्योतिरादित्य का सीएम उम्मदीवार बनना |
इस नेता ने दिया समर्थन –
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से नौ बार सांसद रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने कहा है कि अगर पार्टी मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा जल्दी कर देती है तो यह पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। मध्य प्रदेश में इस वर्ष दिसंबर माह में चुनाव संभावित है, ऐसे में पार्टी चाहती है कि लंबे समय से सत्ता से बाहर कांग्रेस इस बार सत्ता में अपनी वापसी कर सके। कमलनाथ ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि अगर पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करती है तो वह इसका स्वागत करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि वह अपने आपको इस रेस से बाहर नहीं कर रहे हैं लेकिन कहते हैं कि मैं सत्ता के लिए भूखा नहीं हूं। एक तरफ जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दावा किया है कि वह भावांतर स्कीम व कृषि विकास के बलबूते फिर से सत्ता में आएंगे तो दूसरी तरफ कमलनाथ का कहना है कि मध्य प्रदेश में 75 फीसदी लोग सीधे या परोक्ष रूप से कृषि से जुड़े हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है, बेहतर बीच, सिंचाई की वजह से उत्पादन तो बढ़ सकता है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर में किसान को उसकी फसल की क्या कीमत मिलती है, वह क्या लेकर घर जाता है, यह काफी अहम है और किसानों को इसके चलते काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, किसान काफी निराश हैं।
भावान्तर योजना से किसान दुखी –
कमलनाथ ने शिवराज सरकार की बहुमुखी भावान्तर भुगतान योजना को आड़े हाथो लेते हुए कहा की भावांतर योजना के तहत किसानों को प्रति कुंतल 250-300 रुपए का नुकसान हो रहा है, कोई भी किसान खुश नहीं है। जीएसटी व नोटबंदी की वजह से व्यापारी नाराज हैं। सरकारी कर्मचारी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लोग अपने सिर मुडाकर हाथ में कटोरा लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा सरकार की झूठ और नारेबाजी की पोल खुल चुकी है, लोग सरकार की हकीकत को समझ चुके हैं।
जाहिर है की कोलारस और मुंगावली के चुनावों में मोदी की भी नजर थी क्योकि इसे आगामी चुनावों से पहले जनता का रुख भापने वाले चुनाव कहा जा रहा और परिणामो से साफ़ जाहिर है की जनता कांग्रेस के साथ है |