कर्नाटक में जेडीएस ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई है। 23 मई को कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वरा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 25 मई को कुमारस्वामी ने विश्वासमत भी हासिल कर लिया था। लेकिन बीते एक हफ्ते से मंत्रालयों को लेकर दोनों पार्टी के नेताओं में बैठकों का दौर चल रहा था और तब जाकर कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या पर सहमति बनी थी। अब इसके बाद कर्नाटक के कांग्रेस विधायकों ने दिल्ली में डेरा जमा दिया है और मंत्री पद के लिए जुगाड़ लगाने में जुटे हैं।
बुधवार को होगा विस्तार-
बुधवार को होने वाले संभावित कैबिनेट विस्तार से पहले कांग्रेस विधायक अपने लिए मंत्री पद का किसी प्रकार से जुगाड़ करने में जुटे हैं। खबर ये भी है कि कांग्रेस की इस लिस्ट पर अंतिम मुहर मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी लगा सकते हैं। दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित कर्नाटक भवन में कांग्रेस नेताओं का जमवाड़ा है।
दिल्ली में जमे है विधायक-
20 से अधिक कर्नाटक कांग्रेस के विधायक और एमएलसी यहां डेरा डाले हुए हैं। दिनेश गुंडा राव, कृष्णा गौड़ा, आरवी देशपांडे, ईश्वर खांडरे, अजय सिंह, विजय सिंह, राजशेखर पाटिल और उमेश जाधव जैसे दिग्गज दिल्ली में जेरा जमाए हुए हैं।
उत्तरी कर्नाटक के एक विधायक का मानना है कि वीराशिवा और लिंगायतों को नजरअंदाज करने के कारण पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इसलिए उत्तरी कर्नाटक के विधायकों को मंत्रिमंडल में तरजीह देना चाहिए। इसके पहले कर्नाटक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एसआर पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके पीछे उन्होंने चुनाव में कम सीटों पर जीत मिलने को प्रमुख कारण बताया था।
कांग्रेस को मिले है 22 मंत्रालय-
इसके पहले सहमति के बाद कैबिनेट में जेडीएस को 12 जबकि कांग्रेस को 22 मंत्रालय मिले हैं। जेडीएस के पास वित्त, पीडब्लयूडी, शिक्षा और टूरिज्म एंड ट्र्रांसपोर्ट जैसे अहम मंत्रालय रहेंगे तो वहीं कांग्रेस को गृह, स्वास्थ्य, कृषि, अर्बन और रूरल डेवलेपमेंट, वन और पर्यावरण, लेबर, महिला और बाल विकास खाद्य, युवा और खेल, हाउसिंग, खनन, हज, वक्फ और अल्पसंख्यक मंत्रालय मिले हैं।
ये भी ले सकते है फैसले-
जाहिर है की राहुल गाँधी कल मंदसौर में होने वाली रैली को संबोधित करेगे जिस वजह से हो सकता है वो टाइम ना दे पाए| इके चलते कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेता है जो इस बात का फैसला ले सकते है की कांग्रेस का कौन सा विधायक मंत्री बनेगा| इसमें सबसे पहला नाम आता है अशोक गहलोत का जो आजकल पार्टी के महासचिव का पद निभा रहे है| इसके अलावा दूसरा नाम है प्रियंका गाँधी जो कही ना कही आंतरिक रूप से कांग्रेस का काम देख रही है| अब देखना है की इसका फैसला कौन करता है|