कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गाँधी को उनकी ही पार्टी कुछ ख़ास तवज्जो नहीं दे रही है और राहुल गांधी के लिए उस समय संकट पैदा हो गया जब पार्टी की कर्नाटक इकाई ने बात मानने से इनकार कर दिया।दरअसल, राहुल ने कर्नाटक कांग्रेस के पास सैम पित्रोदा और जनार्दन द्विवेदी का नाम राज्य से राज्यसभा चुनाव के लिए भेजने को कहा था, जिसे कर्नाटक इकाई ने इनकार कर दिया। कर्नाटक कांग्रेस का तर्क है कि चुनावी समय में बाहरी लोगों को कर्नाटक से राज्यसभा भेजना घातक सिद्ध हो सकता है। कर्नाटक कांग्रेस की ओर से नाम इनकार किए जाने के बाद राहुल नए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।
ये था राहुल का प्लान –
राहुल चाहते थे पित्रोदा और द्विवेदी आसानी से राज्यसभा चले जाएं। अब उनके सामने गुजरात का विकल्प है। गुजरात से 2 लोगों को कांग्रेस राज्यसभा भेज सकती है। ऐसे में पित्रोदा के गुजरात से राज्यसभा जाने की संभावना है वहीं भरत सिन्ह सोलंकी का नाम भी सामने आ रहा है।
साल 2016 में कर्नाटक से कांग्रेस ने 3 लोगों को राज्यसभा भेजा था। हालांकि उस वक्त जनता दल (s) के बागी सदस्यों की मदद से जीत मिली थी। सिद्धारमैया का मानना है कि एक दलित और एक लिंगायत समुदाय समाज का शख्स राज्यसभा में जाए।
बीजेपी ने सामने रखे ये नाम –
राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पहली सूची में प्रकाश जावड़ेकर को छोड़कर 8 में से 7 मंत्रियों के नाम हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली को गुजरात के बजाय उत्तर प्रदेश से, केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और धर्मेंद्र प्रधान मध्य प्रदेश से, मनसुख भाई मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला गुजरात से, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश से, रविशंकर प्रसाद को बिहार से उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी की जारी सूची के मुताबिक इस बार विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन न करने के कारण पार्टी को तीन में से दो सीटें ही मिलेंगी। यही कारण है कि इस बार नेतृत्व ने जेटली को गुजरात की जगह उत्तर प्रदेश से मैदान में उतारा है। फिलहाल इस सूची में सेवानिवृत्त हो रहे मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का नाम नहीं है। उन्हें महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा थी। हरियाणा प्रदेश इकाई ने राज्यसभा के लिए पिछड़े वर्ग से रामचंद्र जांगड़ा का नाम सुझाया है। इस चुनाव में भाजपा को चार मनोनीत सदस्यों समेत करीब 30 सीटें हासिल होंगी। इनमें सर्वाधिक 8 सीटें उत्तर प्रदेश की हैं। पार्टी ने यहां नौवीं सीट पर भी उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई थी, मगर इसी बीच सपा-बसपा के बीच तालमेल के कारण पार्टी को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ रहा है।