दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल आजकल देशभर के बड़े बताओ से माफ़ी मागने में लगे हुए है | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से माफी मांग ली है। वकील और कपिल सिब्बल के बेटे अमित ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने वोडाफोन के टैक्स विवाद को सुप्रीम कोर्ट के बाहर निपटाने के लिए पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल की पहल पर सवाल उठाया था। आप ने आरोप लगाया था कि सिब्बल अपने वकील बेटे के जरिए वोडोफोन को फायदा पहुंचा रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सिब्बल और कंपनी के बीच 2,000 करोड़ रुपए का सौदा हुआ है। कंपनी पर सरकार का तकरीबन 10,000 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया था। केजरीवाल के माफीनामे पर सिब्बल ने कहा है कि ‘केजरीवाल जी और सिसोदिया जी ने स्वीकार कर लिया है कि कुछ साल पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मेरे और मेरे बेटे पर लगाए गए आरोपों को निराधार था। उन्होंने आज भी उसी के लिए माफी मांगी है।’
ये लगाये थे आरोप –
रअसल, पूर्व की यूपीए सरकार में कानून मंत्री का जिम्मा संभालने के बाद कपिल सिब्बल ने ऐलान किया था कि वह हचिसन के साथ कोर्ट के बाहर ही समझौता किया जाएगा। सिब्बल की इस पहल पर आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा था कि कोर्ट के बाहर समझौते की बात सिब्बल इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनका बेटा अमित सिब्बल हचिसन का वकील है। आप के नाता केजरीवाल और वकील प्रशांत भूषण ने कपिल सिब्बल के खिलाफ दस्तावेज होने की बात भी कही थी।
नितिन गडकरी से भी मागी माफ़ी –
इससे पहले केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी माफी मांग ली है। वहीं दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मामला वापस लेने की मांग के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक संयुक्त आवेदन दायर किया।गडकरी को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है, ‘मेरा आपसे कोई निजी झगड़ा नहीं है, मुझे अफसोस है, हम इस घटना को पीछे छोड़ दें और अदालत की कार्यवाही बंद करें।’ इससे पहले केजरीवाल ने मानहानि मामले में पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से लिखित माफी मांगी थी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इसके बाद अरुण जेटली और शीला दीक्षित से केजरीवाल माफी मांग सकते हैं।
सिसोदिया की सफाई –
गडकरी और सिब्बल से माफी मांगने पर सिसोदिया ने कहा कि हम उन लोगों से क्षमा चाहते हैं, जिन्हें हमारी वजह से दिक्कत हुई हैं। हम लोगों की सेवा के लिए यहां हैं, हमारे पास ऐसे मुद्दों के लिए अदालत में जाने का समय नहीं है। हम लोगों के कल्याण के लिए स्कूलों और अस्पतालों का निर्माण करने के लिए सरकार में है।