उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने एक बार फिर से राम मंदिर को अपना मुद्दा बना लिया हैं. पार्टी की प्रदेश इकाई प्रमुख क्षण प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर पार्टी प्रदेश में पूर्ण बहुमत से आयी तो अयोध्या में राम मंदिर जरुर बनेगा. यहाँ आपको ये भी बता दें कि मंदिर मुद्दा अभी कोर्ट में विचाराधीन चल रहा हैं. केशव प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से बात करते हुए ये भी कहा कि राम मंदिर आस्था का सवाल है. दो महीने में इसका निर्माण होने नहीं जा रहा है. मंदिर का निर्माण चुनावों के बाद किया जाएगा. बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आएगी.
केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर भी बहुत कुछ कहा. केशव प्रसाद मौर्य ने सपा सरकार पर आरोप लगाया कि समूचा सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार में लिप्त है। उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो वह जांच कराएगी और अगर जरूरत पड़ी तो ‘उन्हें जेल भेजेगी’. समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर मौर्य ने कहा, ‘एसपी डूबता जहाज है और कांग्रेस का जहाज काफी पहले डूब चुका है। अगर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) भी इसमें शामिल होती है तब भी वह भी इसे बचाने में सक्षम नहीं होगी.’
क्यूँ चुनावों में याद आते हैं राम?
चुनावों के समय राम को याद करना बीजेपी के नेताओं को खूब आता हैं. केवल केशव प्रसाद मौर्य ही नहीं बल्कि साक्षी महाराज उमा भारती, महेश शर्मा, सुब्रमण्यम स्वामी, विनय कटियार सभी राम मंदिर के मुद्दे की शरण में जाते दिख रहे हैं.
यहाँ भाजपा की इस परेशानी को समझना भी जरूरी हैं कि प्रदेश में अभी ठीक से प्रचार शुरू नहीं हुआ हैं. ऐसे में राम ही शायद भाजपा को कुछ प्रचारित कर दें. लेकिन भाजपा के नेताओं को भी यह समझना जरूरी हैं कि अब जनता के लिए अन्य मुद्दे अधिक महत्तवपूर्ण हैं.
यहाँ केवल भाजपा ही राम नाम के सहारे चुनावी नैया खेने में नहीं लगी हैं. सपा ने भी अयोध्या में थीम पार्क बनवाने का और भाजपा की और से रामायण संग्रहालय बनवाने की बात कीगयी हैं. चुनावी मौसम में नेताओं को राम का नाम याद आना समझ आता हैं लेकिन सिर्फ चुनावी मौसम में ही राम मंदिर या उससे जुडी घोषणाएं लोगों की भावनाओं को ज्यादा चोट पहुँचती हैं.