गुजरात चुनाव में पटेलो का वोट हमेशा अहम् भूमिका निभाता आया हैं और इस बार भी वही होने वाला हैं | गुजरात चुनाव में अब बहुत कम दिन बचे हैं और ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपना सिक्का जमाने के लिए दिन रात अपनी ताकत लगा रहे हैं | गुजरात चुनावों पर एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस ने ओपिनियिन पोल किया है। 22 सालों से सत्ता में बैठी भाजपा और लगातार वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस, दोनों के ही लिए ये चुनाव अहम है। पिछले कुछ समय से गुजरात में पटेल किसके साथ हैं, इसको लेकर कयासबाजी हो रही है। सर्वे में पटेलों का रूख भी सामने आया है। गुजरात में पटेल तीन समुदायों में बंटे हैं- कड़वा, लेउवा और आंजना। आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर बीते कुछ समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।
पटेल वोटर किसके साथ ?
ओपिनियन पोल के रिजल्ट देखें तो इस बार के चुनाव में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का असर साफ नजर आ रहा है।अभी तक पटेलों को भाजपा का एकमुश्त वोटर माना जाता रहा है लेकिन इस बार हालात जुदा लग रहे हैं। इस साल अगस्त में 58 फीसदी पटेल भाजपा के साथ थे लेकिन ताजा सर्वे में सिर्फ 20 फीसदी पटेल ही बीजेपी के साथ हैं। इससे कांग्रेस को फायदा मिलता नजर आ रहा है।
गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15 फीसदी है। राज्य की 182 में से करीब 80 सीटों पर पटेल समुदाय का अच्छा प्रभाव है। इन सीटों पर पटेल वोट निर्णायक रहते हैं। हो सकते हैं। पटेलों के प्रभाव का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि गुजरात विधानसभा में इस समय 182 में से 44 विधायक पटेल जाति से आते हैं।
क्या हैं हार्दिक का पटेल वोटरों पे प्रभाव –
हार्दिक पटेल पर इस समय ना सिर्फ गुजरात बल्कि देश की भी निगाह है। उनका गुजरात के पटेलों पर प्रभाव चुनाव में बड़ा फर्क पैदा कर सकता है। ओपिनियन पोल में हार्दिक को लेकर भी सवाल किए गए हैं। सर्वे के मुताबिक, हार्दिक पटेल अपने समुदाय में 64 फीसदी लोगों की पंसद बने हुए हैं। क्या हार्दिक ने पटेलों का इस्तेमाल किया के सवाल पर कड़वा पटेल में 20 फीसदी ने हां जबकि हां 70 फीसदी ने ना कहा। वहीं लेउवा पटेल में 30 फीसदी ने हां और 55 फीसदी ने ना कहा।
इस पोल में गुजरात की 200 पोलिंग बूथ के 3,757 लोगों से राय ली गई है। इस ओपिनियन पोल को एबीपी न्यूज, लोकनीति और सीएसडीएस ने मिलकर किया है।