बैंगलोर: कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार ने पिछले एक महीने से कोई कैबिनेट मीटिंग नहीं बुलाई है। सभी महत्वपूर्ण फैसले टाल दिए गए हैं। इसके पीछे कारण है- आषाढ़ माह, जिसे अशुभ महीना माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने बेटे कुमारस्वामी को यह सलाह दी कि आषाढ़ माह में कैबिनेट की मीटिंग न रखें। सीएम कुमारस्वामी ने भी पिता की सलाह मानते हुए सब अहम फैसले लटका दिए। आषाढ़ माह 12 अगस्त तक चलेगा।
कई काम प्रभावित– वैसे गौड़ा परिवार के ज्योतिष प्रेम का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है, इससे पहले भी बार इस प्रकार की खबरें सामने आ चुकी हैं। लेकिन यहां अहम बात यह है कि कैबिनेट मीटिंग न होने के चलते राज्य के कितने कार्य प्रभावित हो रहे हैं। कुमारस्वामी के सत्ता में आने के बाद कर्नाटक में रिकॉर्ड बारिश हुई है। बारिश के चलते तटीय इलाकों में बुरा हाल है, लेकिन कैबिनेट मीटिंग नहीं हो रही है। इस वजह से राहत कार्य प्रभावी तरीके से नहीं हो पा रहे हैं।
कांग्रेस है नाराज– कैबिनेट मीटिंग नहीं करने के कुमारस्वामी के फैसले से नाराज कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से हर हफ्ते कैबिनेट मीटिंग करने को कहा, लेकिन ज्योतिष पर भरोसा करने वाले राज्य के सीएम ऐसा करते नहीं दिख रहे हैं। न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, डिप्टी सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी परमेश्वरा और चीफ सेक्रेटरी टीएम विजय भास्कर ने सीएम को हर हफ्ते कैबिनेट मीटिंग बुलाने की सलाह दी है। कांग्रेस कोटे से कर्नाटक सरकार के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि कुमारस्वामी मीटिंग नहीं बुलाएंगे। हम जानते हैं कि इसके पीछे मुख्य वजह आषाढ़ का महीना है।
कांग्रेस के मंत्री ने कहा ये ठीक नहीं– कांग्रेस कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एस्ट्रोलॉजी में निजी आस्था ठीक है, लेकिन इसे सरकारी कामकाज तक ले आना गलत है। वे गलत उदाहरण पेश कर रहे हैं। पूर्व पीएम देवगौड़ा, कर्नाटक के मौजूदा सीएम कुमारस्वामी समेत पूरी गौड़ा फैमिली चंद्र ग्रहण के दौरान हवन कराने में बिजी थे। यह बात सच है कि पूरी की पूरी गौड़ा फैमिली कुछ ज्यादा ही धार्मिक है, लेकिन इसी परिवार के एक सदस्य हैं- एचडी रेवन्ना, जो कि कर्नाटक के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर भी हैं। रेवन्ना पूरी की पूरी गोड़ा फैमिली में सबसे ज्यादा धार्मिक हैं। उनके बारे में कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि वह बेंगलुरु में कभी रात नहीं बिताते। उन्हें किसी पंडित ने बताया कि अगर वह रात को बेंगलुरु में रुके तो कुमारस्वामी सरकार गिर जाएगी। इस वजह से वह प्रतिदिन 6 घंटे सफर करते हैं।