साल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में संपर्क फॉर समर्थन अभियान चला रखा है। ये अभियान इसी सप्ताह खत्म होने वाला था। लेकिन, अब इसे 30 जून 2018 तक चलाने का फैसला किया गया है। इस अभियान में देशभर में भाजपा के 4000 से ज्यादा कार्यकर्ता लाखों लोगों से मिल रहे हैं। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह के कई और भी अभियान चलाने वाली है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने की योजना बनाई जा रही है|
बनी ये ख़ास रणनीति-
पार्टी के सूत्रों का कहना है कि इस अभियान के अलावा भाजपा बूथ लेवल पर परिवारों से मिलने की भी योजना बना रही है। बूथ लेवल पर 18 साल के 25 साल के युवाओं और जो युवा पहली बार वोट देने वाले हैं उनसे मिलने की योजना है। इस बारे में पार्टी की विस्तृत रणनीति तैयार की जा रही है। भाजपा के इस रणनीति में भारतीय जनता युवा मोर्चा की बड़ी भूमिका होने की उम्मीद की जा रही है।
जनता से मिलेगे नेता-
रणनीति के तहत पार्टी के सीनियर नेता आम लोगों से मिलेंगे और सरकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे। गांव या शहरों में ऐसी जगह पर अपनी सरकारे के काम के बारे में लोगों को बताया जाएगा, जहां से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बात पहुंचाई जा सके। लोगों से पूछा जाएगा कि उन्हें सरकार की कितनी योजनाओं की जानकारी है और उन्हें कितनी सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। लोगों से सुझाव भी मांगे जाएंगे। इस तरह के कार्यक्रम को जागरूकता प्रोग्राम भी कहा जाता है।
अमित शाह का एक्शन-
एक बूथ में करीब 25 से 30 परिवार आते हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा की इस रणनीति के पीछे अरुण सिंह, अनिल जैन और कैलाश विजयवर्गेय शामिल हैं, इसमें अमित शाह से हरी झंड़ी मिल चुकी है, जल्द ही इस तरह के कार्यक्रमों को शुरू किया जाएगा। जब भाजपा से इन सबके बारे में पूछा गया है भाजपा नेताओं ने इस तरह के अभियानों से साफ इनकार कर दिया। भाजपा नेताओं का कहना था कि हम लोगों के पास चार साल के काम के बारे में बताने के लिए बहुत कुछ है। भाजपा के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। अगर ऐसा कुछ होता है तो लोगों के बीच जाने की हिम्मत नहीं होती।राजनीति के जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी विपक्ष की एकता को तोड़ना चाहती है। भाजपा किसी और की आलोचना करने की बजाय ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
आपको बता दे की जिस तरह से यूपी में हुए उपचुनावों में गठबंधन से बीजेपी को हार मिली है उसे देखते हुए कहा जा सकता है की आगामी लोकसभा चुनावों में यह बीजेपी के लिए एक बड़ा खतरा है|