महाराष्ट्रा में कुछ दिन पहले किसानो ने जोरदार आन्दोलन किया और अपने हक़ के लिए शांति पूर्ण प्रदर्शन किया था लेकिन अभी तक उसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई | लेकिन महाराष्ट्र के लेबर वेलफेयर मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल बैंक ने उनका 51 करोड़ का लोन माफ कर दिया है। बैंक ने दया महाराष्ट्र सरकार के मंत्री पर ऐसे समय पर दिखाई है जब सूबे के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यूनियन बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने उनका 51 करोड़ रुपए ऋण माफ कर दिया है। संभाजी ने लगभग 40 करोड़ रु. का लोन लिया था। ब्याज सहित यह राशि 76 करोड़ के आसपास हो गई थी। बैंक द्वारा राहत देने के बाद अब लोन की रकम करीब 25 करोड़ रह गई है।
फैक्ट्री की वैल्युसन पर उठ रहे सवाल –
बताया जा रहा है कि सेटलमेंट के दौरान संभाजी ने अपनी एक पुरानी फैक्ट्री बैंक को दे दी थी। दोनों बैंकों ने फैक्ट्री का मार्केट वैल्यू निकाला और संभाजी को राहत दे दी। यह राहत 51 करोड़ की बताई गई है। दोनों बैंकों ने फैक्ट्री का मार्केट वैल्यू के आधार पर संभाजी को राहत दी है। विपक्षी नेता अब फैक्ट्री की वैल्यूएशन पर भी सवाल उठा रहे हैं। आपको बता दें कि यूनियन बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने संभाजी पाटील को 2009 में लगभग 20-20 करोड़ का अलग-अलग लोन दिया था। अगले दो साल तक उन्होंने EMI भरा। 2011 के बाद से उन्होंने बैंक की ईएमआई भरनी बंद कर दी। जिसकी वजह से उनका लोन एनपीए बन गया।
पाटील ने बैंक से कर्जा लेने के लिए अपने दादाजी की जमीन को बिना बताए गिरवी रखी थी। यह जानकारी जैसे ही बैंक को दी गई, बैंक कर्मचारियों ने पाटील के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने उनके खिलाफ तीन हजार 27 पन्नों का आरोप पत्र लातूर कोर्ट में दाखिल किया। महाराष्ट्र बैंक ने 20.9 करोड़ की राशि लोन अनुशंसित की थी। इसका ब्याज 21.51 करोड़ आकलन किया गया। बैंक ने ब्याज की पूरी राशि माफ कर दी। मूलधन में से आठ करोड़ राशि माफ कर दी गई। यानि देनदारी मात्र 12.9 करोड़ की रही।
25 करोड़ में हुआ सेटेलमेंट –
यूनियन बैंक ने 20.51 करोड़ की राशि लोन अनुशंसित की थी। इसका ब्याज 16.40 करोड़ आकलन किया गया। बैंक ने ब्याज की पूरी राशि माफ कर दी। मूलधन में से आठ करोड़ राशि माफ कर दी गई। यानि देनदारी मात्र 12.51 करोड़ की रही। कुल 76.90 करोड़ की राशि संभाजी को देनी थी। इसमें से 25.50 करोड़ सेटलमेंट किया गया। बाकी की राशि यानि 51 करोड़ बैंक ने माफी दे दी।
जाहिर है की ऐसे समय हुआ है जब किसान आन्दोलन कर रहे है |