बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाल ही में एक बयान दिया था, जिसमे बहनजी ने कहा था कि हारने की स्तिथि में बसपा में किसी दल के साथ गठबंधन करने की बजाय विपक्ष में बैठना ज्यादा पसंद करेगी. बसपा के आम कार्यकर्त्ता का मनोबल इस बयान के बाद टूट सा गया था. शायद अब फिर से बसपा सुप्रीमो पुराने जोश में हैं और विपक्षियों पर जोरदार हमला बोल रही हैं.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘मिस्टर नेगेटिव दलित मैन’ की संज्ञा देने के एक दिन बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आज फिर मोदी व भाजपा को घेरा. मायावती ने मोदी की फतेहपुर रैली का हवाला दिया, जिसमें मोदी ने कहा था कि हर गांव में एक कब्रिस्तान और एक श्मशान होना चाहिए. राज्य को अगर रमजान पर बिजली मिले तो दीवाली में भी मिले, ईद पर बिजली मिले तो होली पर भी मिले. इस बयान पर टिप्पणी करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा यूपी चुनावों को साम्प्रदायिक रंग देना चाहती हैं.
मायावती ने कहा, ‘‘दो दिन से बीजेपी और प्रधानमंत्री सहित उसके शीर्ष नेता गलत बयानबाजी कर रहे हैं. चुनाव के शुरूआती तीन चरणों में खराब प्रदर्शन का अहसास होने के बाद ऐसा किया जा रहा है.’’ मायावती के अनुसार भाजपा के शीर्ष नेता ऐसे ब्यान देकर राजनीती का स्तर गिरा रहे हैं.
मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह देने के लहजे में कहा कि ऐसी कोई भी बात कहने से पहले मोदी को हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों में देखना चाहिए कि क्या वहां हर गांव में ऐसी सुविधा है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पहले मोदी को बीजेपी शासित राज्यों के हर गांव में श्मशान भूमि देनी चाहिए और उसके बाद मोदी उत्तर प्रदेश की बात करें. इस तरह की गलत बयानबाजी साबित करती है कि वह झूठ की राजनीति करने पर आमादा हैं.
मायावती ने पीएम मोदी के इस कथन पर कि वे धर्म और सम्प्रदाय की राजनीती नहीं करते भी प्रधानमंत्री पर ज़ुबानी हमला करते हुए कहा ‘‘बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया जबकि राज्य में मुस्लिम आबादी 18 से 20 फीसदी है.’’ इसके साथ ही मायावती ने बसपा का पूर्ण बहुमत से प्रदेश की सत्ता में आने का दावा भी किया.