यूपी विधानसभा चुनावों में बराबर की रेस में दौड़ रही बीएसपी की मुखिया मायावती को सपा और कांग्रेस की गठबंधन की वजह से उनके पाले में आने वाले मुस्लिम वोट खिसकते नजर आ रहे हैं जिसके लिए वो चिंतित हैं |
मायावती को डर है कि अगर यह दोनों पार्टियां साथ आ जाती हैं तो यूपी के मुसलमान पूरी तरह से समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन की तरफ चले जाएंगे और बीएसपी का बंटाधार हो सकता है | मायावती की चिंता वाजिब है क्योंकि इस बार बहुजन समाज पार्टी ने दलित और मुस्लिम गठबंधन पर दांव लगाया है और सवा सौ से ज्यादा मुसलमानों को टिकट दिया है | अगर मुसलमान बीएससी के पाले में नहीं आए तो बीएससी का खेल खराब होना तय है | मायावती ने पना पत्ता फेंकते हुए कहा की अगर बीएसपी सरकार नहीं आई तो इससे मुसलमानों का खतरा बढ़ सकता हैं क्योकि जब भी सपा की सरकार रही हैं तो शासन बीजेपी का चला हैं | मायावती ने यह बात लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही |
दिया ये उदाहरण –
अपनी बात को पुख्ता करने के लिए मायावती ने 2009 के चुनाव का उदाहरण दिया और कहा की जब 2009 में हमारी सरकार बनी थे तो बीजेपी को केवल 9 सीटे मिली थी लेकिन जब 2014 में सपा की सरकार बनी तो बीजेपी को 73 सीटें मिली |
कांग्रेस को दी सलाह –
मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन हुआ तो चुनाव हारने के बाद समाजवादी पार्टी पार्टी हार का ठीकरा कांग्रेस के सर पर ही फोड़ेगी | इसीलिए कांग्रेस को इस गठबंधन से दूर रहना चाहिए | लेकिन यह बात किसी के लिए भी समझ के परे है कि मायावती को अचानक बीएसपी से ज्यादा चिंता कांग्रेस के इमेज कि क्यों होने लगी | बात बिल्कुल साफ है वह किसी भी कीमत पर इस गठबंधन को नहीं होने देना चाहती हैं |
गौरतलब हैं की अभी कांग्रेस और सपा के गठबंधन की खबरे तेज हैं और कांग्रेस ने सपा से 100 सीटों सहित डिप्टी सीएम का पद देने पर गठबंधन के लिए हामी भरी थी |