यूपी के सियासी गलियारे में कब क्या हो जाए किसी को नहीं पता | जहाँ एक तरफ हर एक दल अपने करीबी नेताओं को बचाने में लगा हुआ हैं वही दूसरी तरफ मुलायम सिंह के करीबी अम्बिका चौधरी ने सपा को छोड़ बसपा का दामन थाम लिया हैं | अंबिका चौधरी मुलायम सिंह यादव के करीबी नेता माने जाते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में अंबिका चौधरी को पार्टी की सदस्यता दिलाई। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अंबिका चौधरी पिछले कई दिनों से पार्टी और मुलायम सिंह यादव के कुनबे में मचे घमासान से नाराज चल रहे थे।अंबिका चौधरी ने कहा कि वे पिछले 25 सालों से सपा से जुड़े रहे। पिछले कई दिनों से सपा में चल रही कलह से मैं परेशान था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के साथ दुर्व्यवहार किया। अंबिका चौधरी को पार्टी की सदस्यता दिलाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया कि बलिया की फेफना विधानसभा सीट से अंबिका चौधरी पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
सपा कर रही हैं बीजेपी का सहयोग – अम्बिका
बसपा की सदस्यता ग्रहण करते समय अंबिका चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव मुस्लिम विरोधी हैं। ये बात खुद मुलायम सिंह यादव ने कही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच के डर से समाजवादी पार्टी प्रदेश में भाजपा का सहयोग कर रही है। सपा प्रदेश में भाजपा को लाने के लिए साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों से निपटने के लिए ही वे बसपा में शामिल हुए हैं।
जाहिर हैं की अम्बिका के इस कदम से सपा को तगड़ा झटका लग सकता हैं क्योकि अम्बिका चौधरी सपा के वफादार नेता थे और पूर्व मंत्री भी थे | सपा का आपसी विवाद तो सुलझ चुका हैं लेकिन उनके घर में हुए इस संग्राम से सपा पार्टी को काफी नुकसान हुआ हैं जो की सामने हैं | अब देखना दिलचस्प होगा की आखिर कैसे अखिलेश अपनी नयी रणनीति बनाते हैं |