देश में जब से मोदी सरकार केंद्र में आयी हैं तभी से लोगों के लिए रोज़गार के नये अवसरों का देने की बात की जा रही हैं लेकिन मोदी सरकार की कुछ नीतियों के कारण देश के लाखों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया हैं. खबर ये हैं कि स्कूलों की मनमानी पर रोल लगाने के लिए मोदी सरकार एक नया फरमान जारी कर सकती हैं. कुछ समय से समाचारपत्रों में निरंतर ये खबरें आ रही हैं कि सरकार देश भर के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में NCERT की पुस्तकें ही अनिवार्य करने जा रही है और निजी प्रकाशकों की पुस्तकें पढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
क्या होगा असर
यदि सरकार ऐसा करती है तो इससे भारत का प्रकाशन उद्योग पूरी तरह समाप्त हो जाएगा क्योंकि देश के कुल प्रकाशन का 70 प्रतिशत हिस्सा शैक्षणिक पुस्तकों के प्रकाशन का है. यदि सरकार निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बंद कर केवल सरकारी पुस्तकें ही सभी विद्यालयों में पढ़ाए जाने की नीति अपनाती है तो इस उद्योग के खात्मे से उन लाखों-करोड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा जो प्रकाशन उद्योग से किसी भी रूप में जुड़े हुए हैं.
प्रकाशन उद्योग को सरकारी हाथों में सौंप दिए जाने से ये लोग या तो पूरी तरह बेरोजगार हो जाएंगे या फिर बहुत अधिक प्रभावित होंगे–
लेखक, डिजाइनर, चित्रकार, इलस्ट्रेटर, प्रूफरीडर , पोजिटिव मेकर, प्लेट मेकर, प्रिंटर, मशीनमैन, आफसेट तकनीशियन,लेमिनेटर , बाइंडर, विक्रय प्रतिनिधि, पुस्तक विक्रेता,कागज के व्यापारी, पेपर मिल के कर्मचारी, अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े अन्य लोग (मजदूर, ट्रांसपोर्टर आदि)
क्या हैं सरकार की तैयारी
सरकार के पास ,ऐसी कोई योजना नहीं है कि लाखों लोगों के बेरोजगार होकर सड़क पर आ जाने के बाद वह उन लोगों को रोजगार दे सके, जो बीस-तीस सालों से इसी व्यवसाय से अपने परिवार पाल रहे हैं.
सरकार का यह निर्णय अव्यवहारिक होगा. इसका पुरजोर विरोध होना भी शुरू हो गया हैं. प्राइवेट पब्लिशिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति को पात्र भेजकर केंद्र सरकार के इस फैसले को रोकने की गुहार भी लगाना शुरू कर दिया हैं.
शिक्षा की गुणवत्ता पर असर
केवल NCERT की किताबों से बच्चों का सर्वागीण विकास करना संभव नहीं हैं. स्कूल में पढ़ने वाले अध्यापक भी केवल NCERT की किताबों को नाकाफी मानते हैं.
ये तय हैं कि ऐसा फैसला लाकर केंद्र सरकार स्कूलों पर नकेल कसने में तो कामयाब शायद ही हों लेकिन बहुत से लोगों को बेरोजगार करने में जरुर कामयाब हो जायेगी