प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ के क्षेत्र में बड़ी बात कही और भारत को दुनिया से पांच साल आगे बताया | ‘मुझे खुशी है कि भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और रोक टीबी भागीदारी मिलकर एशिया, अफ्रीका और दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधियों को आज एक मंच पर लाए गए हैं।’ यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में Delhi End TB Summit को संबोधित करने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ‘मुझे उम्मीद है कि ‘Delhi End TB Summit’ टीबी को धरती से हमेशा के लिए समाप्त करना दिशा में एक ऐतिहासिक घटना के रूप में जाना जाएगा।’ मोदी ने कहा कि ‘भारत में तो किसी भी तरह से किसी भी संचारी रोग से टीबी का प्रभाव सबसे अधिक है और इसके सबसे शिकार भी गरीब हैं इसलिए टीबी खत्म करने के लिए उठाया गया हर कदम, सीधे-सीधे गरीबों का जीवन से जुड़ा हुआ है।’
दुनिया से पांच पहले खत्म होगी भारत से टीवी – मोदी
उन्होंने कहा कि ‘दुनिया भर में TB को खत्म करने के लिए वर्ष 2030 तक का समय तय किया गया है। लेकिन आज मैं ये घोषणा कर रहा हूं कि भारत ने वर्ष 2030 से 5 साल और पहले, यानि 2025 तक TB को खत्म करने का लक्ष्य अपने लिए तय किया है।’ मोदी ने कहा कि ‘TB के मरीजों की सही पहचान हो, Active Cases के बारे में समय पर पता चले, जो दवाइयां दी जा रही हैं, वो प्रभावी हैं भी या नहीं, drug-resistant TB तो नहीं है, इन विषयों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि ‘TB को भारत से मिटाने के लिए राज्य सरकारों की भी बड़ी भूमिका है। Co-operative Federalism की भावना को मजबूत करते हुए, इस मिशन में राज्य सरकारों को अपने साथ लेकर चलने के लिए मैंने खुद देश के सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर इस अभियान से जुड़ने का आग्रह किया है।’
मोदी ने कहा कि ‘इस आयोजन में राज्यों की तरफ से आए मंत्रिगण और संबंधित पदाधिकारियों का इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित होना, इस बात का संकेत है कि कैसे हम Team India की तरह अपने देश को TB से मुक्ति दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘TB से मुक्ति का ये मिशन भले ही भारत में हो या किसी भी देश में, frontline TB physicians और workers की बड़ी भूमिका होती है। इसके साथ ही हर वो व्यक्ति जो TB से ग्रसित होने के बाद रेग्यूलर दवा लेता है, अपना इलाज कराता है और इस बीमारी को हराकर दम लेता है, वो भी प्रशंसा का पात्र है।’