कर्नाटक में शपथ ग्रहण से एक दिन पहले नई मांग ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को परेशान कर दिया है। जैसा कि माना जा रहा है कि गठबंधन में कांग्रेस को डिप्टी सीएम पद मिलेगा और इस पद पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वर संभालेंगे। लेकिन इससे पहले मुसलमानों के एक संगठन ने मुस्लिम विधायक को डिप्टी सीएम की मांग कर गठबंधन की परेशानी बढ़ा दी है। ज्वाइंट मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के संयोजक अब्दुल राशिद ने मांग की है कि मुस्लिमों को सरकार में सही प्रतिनिधित्व देने के लिए कांग्रेस पार्टी वरिष्ठ कांग्रेस विधायक अब्दुल राशिद को डिप्टी सीएम बनाए। आपको बता दें कि अब्दुल राशिद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और वो सात बार से कांग्रेस के विधायक चुने जा रहे हैं।
कांग्रेस और जेडीएस में टेंशन की खबर-
दूसरी तरफ येदुरप्पा की सरकार गिरने से नाराज लिंगायत समुदाय के प्रतिनिधि भी एक बार फिर से मुखर हो रहे हैं। लिंगायतों के यूथ संगठन वीरशिवा युवा लिंगायत ब्रिगेड ने मांग की है कि लिंगायत समुदाय के विधायक अपनी-अपनी पार्टियों से विद्रोह कर लिंगायत समुदाय के येदुरप्पा को एक बार फिर सीएम बनाने की कोशिश करें। आपको बता दें कि इस बार कुल 58 विधायक लिंगायत समुदाय से चुने गए हैं।
शपथ ग्रहण की तैयारियां पूरी-
बुधवार को होने वाले शपथ ग्रहण की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। और माना जा रहा है कि कल अकेले कुमारस्वामी ही सीएम पद की शपथ लेंगे औऱ गुरुवार को सदन में बहुमत सिद्ध करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। मंत्रिमंडल के समझौते के मुताबिक कांग्रेस को बड़ी पार्टी होने के चलते डिप्टी सीएम के अलावा महत्वपूर्ण मंत्रालय और ज्यादा प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
दिखेगा एकजुट विपक्ष-
बुधवार को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह विपक्षी एकता का एक मंच साबित होने जा रहा है। कुमार स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मायावती, ममता बनर्जी समेत विपक्ष के तमाम नेताओं को आमंत्रित किया है।
अभी भी अटकले-
आपको बता दे की कल होने वाले शपथ ग्रहण के बाद कुमारस्वामी को बहुमत साबित करना है| ऐसे में वो अपने विधायको को लेकर चिंतित है की आखिर सब समय में पहुचे और सबके सब समर्थन दे| क्योकि कही ना कही बीजेपी का खेमा एक बार फिर से इस कोशिश में लगा हुआ है की कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन पूरा ना हो| आपको बता दे की अमित शाह साफ़ तौर पर कह चुके है की अगर विधायक बंधक नही बने होते तो सरकार हमारी होती| अब देखना ये है की क्या बीजेपी ने अभी और कोई आखिरी दाँव खेलने का विचार बना रखा है या इर वो एक बार फ्फिर से इन दोनों के विधायको को तोडना चाहती है |