केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बहुत जल्द समुद्र के पानी को पीने लायक बनाकर भारत के घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। ये पानी 5 पैसे प्रति लीटर की दर से मिलेगा। जिससे देश में पीने के पानी की कमी को दूर किया जा सकेगा। गडकरी ने बताया कि समुद्री जल को पीने के पानी के तौर पर तब्दील करने का ट्रायल तमिलनाडु के तूतकोरिन में चल रहा है। जल संसाधन मंत्री ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में दो दिवसीय पांचवें नदी महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर ये बातें कहीं। नितिन गडकरी ने इस दौरान कहा कि पानी के लिए हमारे देश के राज्यों में लड़ाई होती रहती है लेकिन देश की तीन नदियों का पानी पाकिस्तान में बहकर बर्बाद हो रहा है, इसकी किसी को फिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाजन के समय हमें और पाकिस्तान को तीन-तीन नदियां मिलीं। हमारे अधिकार का पानी पाकिस्तान जा रहा है और हम उसे बचा नहीं पा रहे हैं। हम इस पर चर्चा नहीं करते हैं कि पानी हमारे पास से दूसरे देश चला गया है।
नदियों को करेगे फिर से जीएवित – पांचवें नदी महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने संकल्प लिया है कि प्रदेश की 313 नदियों को श्रमदान कर पुनर्जीवित किया जाएगा। नर्मदा किनारे के 20 जिलों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। नर्मदा के किनारे के गांवों में मुक्तिधाम और उस क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने का काम हो रहा है और दूसरी कोशिशे हो रही हैं, जिससे जल की धारा बढ़ सके व प्रवाहित हो सके।
कश्मीर हमारा है – राजनाथ
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत से कश्मीर को नहीं छीन सकती है और जरूरत पड़ने पर देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सुरक्षा बल सीमा पार कर सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कश्मीर हमारा है और हमसे कोई भी इसे छीन नहीं सकता है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर जरुरत पड़ी तो देश की सुरक्षा के लिए फिर से सीमा को पार करने में नहीं हिचकिचायेंगे। राजनाथ सिंह ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा, ‘कोई भी कश्मीर को हमसे ले जा नहीं सकता है।’ उन्होंने कहा कि जो लोग जिहाद का प्रचार कर रहे हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि पहले वह स्वयं जिहाद की सच्चाई को समझें और उसके बाद कश्मीर के हमारे बच्चों को बहकाने का प्रचार करें। उन्होंने कहा ‘कश्मीर के युवा बच्चे सभी हमारे बच्चे हैं और सरकार ने पहली बार पत्थरबाजी में शामिल होने वालों को माफ कर दिया है। कश्मीर में पत्थरबाजी की 9000 मामले थे।’