पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यक्रम में शिरकत करने बुधवार की शाम को नागपुर पहुंच गए। कांग्रेस के नेता रहते हुए प्रणब ने हमेशा संघ की आलोचना की है। इस लिहाज से लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है कि आज होने वाले समारोह में वह संघ के कार्यकर्ताओं को क्या संदेश देंगे, अटकलों और विरोध के बीच पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि वो क्या बोलेंगे, इसका पता तो केवल 7 जून की शाम को पता चलेगा, जब मैं स्पीच दूंगा।
ये होंगे ख़ास मेहमान-
आपको बता दें कि आज के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के अलावा कई गणमान्य लोगों को बुलाया गया है। जिसमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते अर्धेन्दु बोस, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री के अलावा उद्योगजगत के कई मशहूर लोगों के नाम शामिल हैं।
कुछ मशहूर हस्तियाँ भी आएगी जिनमें अरविंद सिंह मिल्स के संजय लाल भाई, मफतलाल इंडस्ट्रीज़ के विशाल मफतलाल, सीसीएल प्रोडक्ट के छल्ला राजेंद्र प्रसाद और इन्फिनिटी फाउंडेशन के राजीव मल्होत्रा का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
होगा फेसबुक लाइव-
आरएसएस का ये कार्यक्रम शाम 6.30 बजे से उसके फेसबुक पर लाइव दिखाया जाएगा। आपको बता दें कि आरएसएस का ‘स्वयं शिक्षा वर्ग’ संघ का एक सालाना कैंप है, जो कि संघ के कार्यालय नागपुर के स्मृति मंदिर प्रागंण में आयोजित होता है। इस कार्यक्रम में खास ट्रेनिंग पाने वाले छात्रों को संबोधित किया जाता है।
पूर्वकालिक प्रचारक-
यह ट्रेनिंग पास करने वाले ही आगे चलकर पूर्णकालिक प्रचारक बनते हैं। आरएसएस के शिक्षा विभाग के इस कार्यक्रम में 45 साल से कम आयु के 800 से ज्यादा कार्यकर्ताओंको ट्रेनिंग दी गई है। मालूम हो कि लगभग पिछले एक दशक से संघ के शिक्षा वर्ग समापन समारोह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर किसी भिन्न मतों वाले व्यक्तित्व को बुलाने की परंपरा रही है।
मुखर्जी का हो रहा है विरोध-
आपको बता दे की प्रणव मुखर्जी के इस कार्यक्रम में शामिल होने से देशभर के सियासी गलिआरो में खलबली मची हुई है| हर कोई ये बात कने में लगा है की आखिर कांग्रेस के वरिष्ट नेता होने के वावजूद प्रणव इस कार्यक्रम में कैसे शामिल हो सकते है| वो कांग्रेस की विचारधारा रखते है ना की संघ की| एक समय कांग्रेस के कद्द्वर नेता और वित्त मंत्री रहे प्रणव मुखर्जी ऐसा कैसे कर सकते है| कांग्रेस के खेमे के कई बड़े नेताओं ने इसका विरोध भी किया है|
कांग्रेस को समझनी चहिये ये बात-
लेकिन कांच्ग्रेस को ये बात समझनी चहिये की एक समय उन्होंने प्रणव मुखर्जी को सिर्फ एक्टिव पॉलिटिक्स से हटा दिया था की जिससे राहुल का रास्ता साफ़ हो सके| अगर प्रणव आज होते तो राहुल की मुखिया बनने में जर्रूर दिक्कत होती|