उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावो के पहले चरण का मतदान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में होगा. 11 फरवरी को ये चुनाव होंगे इसलिए अब सभी दलों का मुख्य उद्देश्य इस इलाके की जनता को अपने पक्ष में करना है. इसके लिए सभी दलों ने अपने अपने प्रचार के प्लान बना लिए हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों के दिलो दिमाग में अभी भी 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे का दंश बसा हैं. इस दंगे की वजह से 2014 में भाजपा को यहाँ से अप्रत्याशित सफलता मिली थी. भाजपा अभी भी ऐसी ही किसी सफलता की उम्मीद यहाँ से कर रही हैं.
भाजपा की है पूरी तैयारी
पश्चिमी यूपी को भाजपा का गढ मन जाता हैं. लेकिन नोत्बंदी के असर के कारन यहाँ के गन्ना किसानो को कुछ नुक्सान तो झेलना पड़ा हैं. इसी के चलते भाजपा के नेताओं ने पश्चिमी यूपी के मतदातों को अपनी और करने के लिए खास रणनीति बनाई हैं. इसके तहत भाजपा नेता आज यानि सोमवार से ही भाजपा के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार शुरू कर देंगे. जो भाजपा नेता प्रथम चरण के लिए चुनावी सभाएं सम्भोदित करते नज़र आयेंगे उनमे योगी आदित्यनाथ . केन्द्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, केंद्रीय राज्य मंत्री क्रिशन पाल गुर्जर व कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान शामिल हैं.
पश्चिमी यूपी के मतदाताओं को रिझाने के लिए ये सभी नेता अब लगभग रोज़ाना प्रदेश के इस हिस्से में चुनावी सभाएं करेंगे. चुनाव के प्रथम चरण के चलते यहाँ प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली भी जल्द ही होने जा रही हैं. पश्चिमी यूपी के मेरठ में पीएम मोदी 4 फरवरी को व अलीगढ में 5 फरवरी को जन सभा को सम्भोदित करेंगे.
बसपा की नज़र भी पश्चिमी यूपी पर
बसपा सुप्रीमों अपने विधानसभा के चुनावी रण का शंखनाद पंजाब से करेंगी. लेकिन उनकी नज़र भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदातों को बसपा के पक्ष में करने में हैं. इसी के चलते मायावती 1 फरवरी को मेरठमें अपनी चुनावी जनसभा को सम्भोदित करेंगी. पीएम मोदी की ही तरह मायावती की भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो जनसभाएं होनी हैं. इनमे से एक तो मेरठ में होगी और दुसरी अलीगढ में.
हालाँकि यहाँ के मतदाताओं से बात करने पर ये ही लगता हैं कि अभी भी यहाँ प्रधानमंत्री मोदी को लोकप्रियता कम नहीं हुई हैं लेकिन पश्चिमी उतर प्रदेश के दलित वोटरों का रुझान फिर से बसपा की तरफ हुआ है. यानि पश्चिमी यूपी में कांटे का मुकाबला होना तय हैं.