एक कहावत हैं की “ सबसे जीते औलाद से हारे ” ये कहावत यूपी में सपा के अन्दर सच होती दिखाई दे रही हैं | अभी जिस बेटे को लेकर सपा में इतना दंगल हुआ और बेटे को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया अब वही बेटा मुलायम सिंह जी को सही लगने लगा हैं और पार्टी वाले गलत |
गौरतलब है कि सोमवार को मीडिया के सामने पिता मुलायम ने कहा की अखिलेश तो उनका बेटा है, उससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं, गलती या खामियां उसमें नहीं है बल्कि समस्या तो सपा पार्टी के अंदर बैठे कुछ लोगों में है, जिनका समाधान जल्दी ही निकलेगा। उनके और बेटे के बीच में कोई मतभेद नहीं है, वो खुद सपा के सुप्रीमो हैं और भाई शिवपाल प्रदेश अध्यक्ष। अगर चुनाव बाद प्रदेश में सपा सरकार बनती है तो अखिलेश ही सीएम होंगे।मुलायम ने ये भी दावा किया कि पार्टी में जो भी थोड़ा बहुत विवाद है, उसे वो लखनऊ पहुंचते ही स्वीकार लेंगे |
दंगल के पीछे रामगोपाल का हाथ –
मुलायम सिंह ने कहा की हमारे घर में ये जो दंगल हुआ हैं इसके पीछे रामगोपाल का हाथ हैं और उन्होंने ही सब कराया हैं | मालूम हो कि निर्वाचन आयोग द्वारा सपा के चुनाव चिह्न् साइकिल को लेकर ‘दावों’ पर जल्द फैसला लेने की बात कहने के बाद मुलायम की यह टिप्पणी सामने आई है। जाहिर हैं की मुलायम सिंह अपने चचेरे भाई रामगोपाल को पहले ही पार्टी से 6 साल के लिए निकाल चुके हैं |
उन्होंने कहा कि पार्टी में एकता बनाए रखने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है और पार्टी टूटने का कोई सवाल ही नहीं है। मुलायम ने कहा कि पार्टी टूटने का कोई सवाल ही नहीं और जल्द ही हम चुनाव के लिए कैपेंन शुरू करेंगे। इससे पहले पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव को लेकर मुलायम सिंह यादव के तेवर सख्त दिखाई दिए।
अब देखना ये होगा की आखिर किसकी टिकट की लिस्ट फाइनल मानी जाती हैं और नेताजी , चाचा और भतीजे में कैसे सामंजस्य बिठाते हैं |