मुलायम सिंह सार्वजनिक रूप से यह कह कर राजनितिक गलियारों में हलचल मचा चुके हैं कि वो सपा कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ हैं और सपा कार्यकर्ताओं को कांग्रेसी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहिए. अपने इस बयान के कुछ समय बाद ही मुलायम सिंह ने ये भी कहा कि उनका आशीर्वाद अखिलेश के साथ हैं . पहले मुलें सिंह ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी लेकिन फिर कहा कि वे भी सपा के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. लेकिन इस बार भी मुलायम सिंह ने बेटे पर भाई को ही तरजीह दी हैं.
मुलायम सिंह ने घोषणा करते हुए कहा है कि अगले सोमवार को वह इटावा की जसवंतनगर सीट से प्रचार कर चुनावी अभियान का आगाज करेंगे. जसवंत नगर की सीट से शिवपाल विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. शिवपाल यादव परंपरागत रूप से यहीं से चुनाव लड़ते रहे हैं.सपा के अंतर्कलह के बाद ये बात सबने नोट की कि इस बार शिवपाल के नामांकन के दौरान विगत वर्षों जैसी भीड़ नहीं थी. लेकिन मुलायम द्वारा शिवपाल का समर्थन दिए जाने के बाद से जसवंतनगर के मतदाताओं में उत्साह जरुर हैं.
ऐसी खबरें भी आयी हैं कि मुलायम सिंह इन विधानसभा चुनावों में चुनाव प्रचार का आगाज जसवंत नगर से करेंगे उसी के बाद वो अपने बेटे के लिए प्रचार करेंगे. मुलायम की यह घोषणा इसलिए भी अहम है क्योंकि सपा में पिछले दिनों पारिवारिक घमासान के बाद हाशिए पर पहुंचे शिवपाल यादव ने मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा था कि वह चुनाव खत्म होने पर 11 मार्च के बाद अपनी नई पार्टी का गठन करेंगे.
हाल ही में शिवपाल यादव ने एक नये सपा कार्यालय का उद्घाटन किया हैं. इस कार्यालय को नेताजी के लोग का नाम दिया गया हैं. ऐसा माना जा रहा हैं कि इस कार्यालय से शिवपाल सपा के बागी नेताओं को सहायता पहुंचाएंगे. साथ ही ऐसी भी खबरें हैं कि यादव परिवार का गढ़ माने जाने वाले इटावा में सपा के खिलाफ खड़े अपने निर्दलीय समर्थक प्रत्याशियों का उन्होंने खुलेआम समर्थन भी किया है.
हालाँकि पिता व पुत्र के रिश्ते में तनाव की खबर को अखिलेश यादव ने सिरे से खारिज कर दिया हैं. अखिलेश यादव के अनुसार उन्होंने जो भी किया वो नेताजी का सम्मान बचाने के लिए ही किया. लगता हैं सपा के नाटक का अभी इंटरवल ही हुआ हैं. पिक्चर अभी बाकी हैं.