देश के पूर्व गृह मंत्री पी.चिदंबरम के बेटे कीती चिदंबरम को सीबीआई की रिमांड पर 5 दिन के लिए जेल भेजा गया है | अब वो 6 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर रहेंगे। सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट में कार्ती चिदंबरम की 14 दिन की हिरासत मांगी थी। सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि कार्ती से कुछ ही देर के लिए पूछताछ हो सकी है और इस दौरान भी वह गोलमोल जवाब देते रहे। वह पूछताछ में शामिल तो हुए लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का सही जवाब नहीं दिया है और वह इधर-उधर की बात करते रहे। ऐसे में कस्टडी के दौरान पूछताछ पूरी तरह से अलग होगी। कीर्ति चिदम्बरम पर आईनैक्स मीडिया मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है |
सीबीआई ने दिया ये बयान –
सीबीआई के वकील ने कोर्ट में कहा कि कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं, ऐसे में उन्हे अन्य संदिग्धों के साथ बैठाकर पूछताछ करने की जरूरत है, ऐसे में हमे और समय की जरूरत है। कार्ती के पास से तीन फोन सीज किए गए हैं उसकी भी जांच करने की जरूरत है। लिहाजा कम से कम 14 दिन की हिरासत हमे चाहिए होगी। हालांकि सीबीआई को कार्ती चिदंबरम की 5 दिन की कस्टडी मिली है।
पिता ने दर्ज की थी याचिका –
बेटे की गिरफ्तारी से पहले ही चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए आशंका जताई थी कि आईएनएक्स मीडिया केस में उन्हें और उनके परिवार को लगातार परेशान किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस नेता को इसका अहसास हो गया था कि उनके बेटे कार्ती चिदंबरम को गिरफ्तार किया जा सकता है, इसीलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी के मद्देनजर चिदंबरम और कांग्रेस पार्टी में उनके सहयोगी व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय पर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से उनके और उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में पी. चिदंबरम ने सर्वोच्च अदालत से अनुरोध किया कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय को उनके बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को बार-बार परेशान करके उनके खिलाफ गैरकानूनी जांच को रोका जाए।
चेन्नई एयरपोर्ट से हुई थी गिरफ्तारी –
पी चिदंबरम खुद वरिष्ठ वकील हैं, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में कहा कि आईएनएक्स मीडिया केस में स्थिति बेहद अजीब है, क्योंकि सीबीआई ने मई 2017 में एफआईआर दर्ज की थी, हालांकि जांच एजेंसियों ने मामले में एक भी रिपोर्ट दायर नहीं की है, जिसमें ये साफ हो इस मामले में कोई अपराध हुआ है या फिर किसी तरह से किसी को फायदा हुआ हो। चिदंबरम ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जांच के नाम पर कार्ती चिदंबरण और दूसरे लोगों को परेशान नहीं कर सकते।