सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक कोलेकर रोज ही सुनवाई चल रही हैं. कुछ मुस्लिम इसे अपने धर्म के अधिकार क्षेत्र में भाजपा का अतिक्रमण मान रहे हैं व कुछ मुस्लिमों को ये आवश्यक लगता हैं कि ट्रिपल तलाक की समीक्षा हो और इसका दुरुपयोग बंद हो.
कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ट्रिपल तलाक के समर्थन में अनेको तर्क अदालत में रख चुके हैं. और आज आलम ये हैं कि #Anti Hindu Congress आज ट्विटर के टॉप ट्रेंड में शामिल हैं.
इसी विषय पर की जा रही सुनवाई के दौरान ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएमबी) ने एक ऐसी दलील पेश की जिसका बीजेपी मुखर विरोध कर रही हैं. दलील में कहा गया था कि ‘अयोध्या में राम का जन्म आस्था का विषय है ऐसे ही तीन तलाक भी आस्था का विषय है.’ बीजेपी के अलावा सोशल मीडिया पर अन्य लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं. इस विषय पर बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए ऐसी दलील को धमकी बताया हैं.
एक बार इस बात पर भी नजर डाल लेते हैं कि कपिल सिब्बल ने अभी तक कोर्ट को ट्रिपल तलाक अमान्य न करने के लिए क्या लॉजिक दिए हैं.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि ट्रिपल तलाक आस्था का विषय है और यह पिछले 1400 सालों से अमल में लाया जा रहा है. तीन तलाक पर सन् 637 से अमल किया जा रहा है. ऐसे में हम कौन होते हैं यह कहने वाले कि यह गैर-इस्लामिक है. अपने अगले वक्तव्य से कपिल जी ने हिन्दुओं के भगवान् राम को ट्रिपल तलाक में खींच लिया. कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि दि मेरी आस्था ये कहती है कि राम अयोध्या में पैदा हुए थे, तो यह मेरी आस्था है और इससे संवैधानिक नैतिकता का कोई लेना-देना नहीं है. सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि मुसलमानों में एक साथ तीन तलाक वाले महज 0.4 फीसद मामले हैं. सिब्बल ने दलील दी कि अगर कोर्ट पर्सनल लॉ में दखल देता है तो ये घर के मामलों में दाखिल होने जैसा होगा.
साथ ही अदालत के पूछे जाने पर कि क्या तलाक ई-मेल से हो रहे हैं कपिल सिब्बल ने इस बात को माना कि आज कल तलाक व्हाट्स अप्प से भी हो रहे हैं लेकिन फिर भी अदालत इसमें दखल न दे.