नई दिल्ली: देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में मंगलवार को भी बढ़ोत्तरी देखने को मिली। देश में लगातार बढ़ तेल की कीमतों को लेकर लोग सरकार का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच एक महिला ने तेल की बेहताशा बढ़ रही कीमतों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की है। यह याचिका मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ के समक्ष लाई गई थी। जिसे पीठ ने इसे बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की है। यह याचिका दिल्ली की एक डिजायनर पूजा महाजन की ओऱ से दायर की गई है।
मनमाने ढंग से बढ़े दाम- उन्होंने अदालत से केंद्र सरकार को निर्देश देने को कहा है कि वह पेट्रोल और डीजल को आवश्यक वस्तुएं माने और पेट्रोलियम उत्पादों के लिए उचित मूल्य तय करने की गुजारिश की है। पूजा महाजन की तरफ से याचिका दायर करने वाले अधिकवक्ता ए मैत्री ने कोर्ट में कहा कि सरकार ने अप्रत्यक्ष तरीके से तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों को छूट दे रखी है। यह कंपनियां पेट्रोल व डीजल की कीमतों में मनमाने ढ़ंग से बढ़ा रही हैं।
याचिका में इस बात की भी उल्लेख किया गया है कि, कर्नाटक चुनाव के समय तेल कंपनियों ने लगभग 22 दिनों के लिए ईंधन की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की। ऐसा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया था। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में प्रतिदिन होने वाली बढ़ोत्तरी में सरकार की सहमति पर होती हैं इसका यह सबसे अच्छा उदहारण है। बता दें कि कर्नाटक में वोटिंग होने के अगले दिन ही तेल की कीमतों को फिर बढ़ा दिया गया था।
फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी– याचिका में कहा गया है कि सरकार यहां पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों को कच्चे तेल की दर में वैश्चिक स्तर पर वृद्धि से जोड़कर भ्रामक जानकारी फैला रही है। कच्चे तेल कीमतें इंटरनेशनल मार्केट में कम होने के बावजूद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उस अनुपात में कटौती नहीं होती है। पूजा महाजन इससे पहले जुलाई में भी तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर याचिका दायर कर चुकी हैं। उस समय कोर्ट ने सरकार को याचिका के बिन्दुओं में ध्यान में रखकर उचित निर्णय के लिए कहा था। याचिका में कहा गया है कि, सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
इन राज्यों ने कम किये दाम– आपको बता दे की केंद्र सरकार भले की पेट्रोल और डीजल के दाम कम ना करे लेकिन तीन राज्यों ने प्रदेशवासियों को राहत दी है| इसमें राजस्थान ने चार प्रतिशत वैट घटाया है तो वही आंध्रप्रदेश ने कीमतों में दो रुपये की कमी की है तो वही ममता बनर्जी ने एक रुपये कम किये है|