नई दिल्ली: शुक्रवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गाँधी ने अपने भाषण के बाद मोदी को गले लगाया जो की आज भी सुर्ख़ियों में है| इस दौरान आरोपों और प्रत्यारोप का लम्बा दौर चला| 12 घंटे तक चली चर्चा में जहां विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी तो वहीं सरकार ने भी हमलों का जवाब देते हुए अपने चार साल के कामकाज का बखान किया। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सबस ज्यादा चर्चा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का अपना भाषण खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट पर जाकर उनसे गले मिलना रहा। अब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के एक दिन बाद राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर फिर से हमला बोला है।
राहुल नी किया मोदी पर हमला– राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘संसद के अंदर कल हुई चर्चा का बस एक ही मुद्दा था… प्रधानमंत्री अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमारे देश के कुछ लोगों के दिलों में नफरत, डर और गुस्सा भरने का काम करते हैं। हम यही साबित करने जा रहे हैं कि सभी भारतीयों के दिल में केवल प्यार और करूणा पैदा करके ही एक राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।’
सीट पर जाकर गले मिले थे राहुल– राहुल गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा था कि नोटबंदी के दौरान अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी को 16000 गुना का लाभ हुआ, लेकिन पीएम ने इसपर एक शब्द नहीं बोला। प्रधानमंत्री की मार्केटिंग पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं और जो लोग ये पैसा खर्च करते हैं, सरकार उन्हें फायदा पहुंचाती है। पीएम कहते थे कि वो चौकीदार हैं, लेकिन वो चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार हैं। पीएम मोदी पर हमला बोलने के बाद अपना भाषण खत्म कर राहुल गांधी उनकी सीट पर जाकर उनसे गले भी मिले।
नहीं काम आया अविश्वासी दाव– हालांकि केंद्र सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव संसद में औंधे मुंह गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े 126 वोटों के मुकाबले मोदी सरकार को मिले 325 सांसदों के समर्थन के बल पर यह प्रस्ताव खारिज हो गया। हालांकि सदन में संख्याबल को लेकर सरकार पहले ही आश्वस्त थी। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
जाहिर है की जिस तरह से कल राहुल गाँधी ने मोदी को गले लगाया उसे देखकर कही ना कही कहा जा सकता है की राहुल ने एकता और सद्भावना का सन्देश दिया है|