आज वर्ष 2016 का आख़िरी दिन हैं. अगर भारतीय राजनीति की बात करें तो इस वर्ष भी पिछले वर्ष की भांति प्रधानमंत्री मोदी की छाए रहें. पीएम मोदी की उनके विदेशी दौरों के कारण जहाँ खूब आलोचनाएँ हुई वहीँ पकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद देश में उनकी लोकप्रियता नयी ऊंचाईयों तक भी पहुँच गयी.
नवम्बर आते आते नोटबंदी का एलान करने के बाद एक बार फिर से पूरा विपक्ष पीएम मोदी के खिलाफ जाता दिखा लेकिन पीएम मोदी की लोकप्रियता पर बहुत अधिक फर्क नहीं पड़ा. आज शाम को फिर से एक बार प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र के नाम संबोधन देने वाले हैं. सभी नाईट क्लब्स और होटल व बार जेसी जगहों पर भी पीएम मोदी के लाइव भाषण को टेलीकास्ट करने का पूरा प्रबंध किया जा रहा हैं. मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि टाइम्स मैगजीन के रीडर्स ने ऑनलाइन पोल में मोदी को सबसे ज्यादा वोट देकर पर्सन ऑफ़ द ईयर के खिताब के नजदीक ला दिया.
अगर पिछले वर्ष के बड़े निर्णयों की बात करें तो सर्जिकल स्ट्राइक और काले धन पर की गयी सर्जिकल स्ट्राइक यानि नोटबंदी भारी पड़ती दिखी. सर्जिकल स्ट्राइक के सफल होने के बाद जहाँ सेना ने भारत के लोगों का हमेशा की तरह मान बढ़ा दिया वहीँ पकिस्तान को भी समझ आ गया कि अब उसके भेजे गये आतंकियों को उसी के घर में घुसकर मारा भी जा सकता हैं. हालाँकि ये कार्यवाही सेना ने की थी और इसकी सफलता के बाद पूरी वाह वाही की असली हकदार सेना ही हैं लेकिन इसके पीछे की राजनितिक इच्छा के लिए पीएम मोदी व उनकी टीम को भी बधाई मिलनी ही चाहिए.
अब बात करते हैं नोटबंदी की. 8 नवम्बर के बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर चौतरफा हमला तो बोला लेकिन जनता ने उग्र रूप से अपना आक्रोश प्रकट नहीं किया. बैंकों की लाइनों में खड़े अधिकतर लोग भी देश के पीएम मोदी के फैसले के साथ खड़े दिखायी दिए.
पिछले वर्ष तक वर्ष के अंतिम दिन लोग पार्टी और मौज मस्ती की तैयारी करते थे. लेकिन इस वर्ष यहाँ भी पीएम मोदी ने ही बाज़ी मार ली. आज शाम लोग जितना इंतज़ार अपनने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ पार्टी करने का करेंगे उससे अधिक इन्तजार उन्हें पीऍम मोदी के भाषण का भी होगा. न जाने अब कौन सी घोषणा हो जाएँ..