शीतकालीन सत्र में संसद में 17वें दिन भी कुछ काम नहीं हुआ. विपक्ष ने दावा किया कि नोटबंदी के कारण देश भर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर राजनीति करने और नोटबंदी मुद्दे पर सदन में अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाने की मांग की. आज नोटबंदी को एक महीना पूरा होने पर विपक्ष ने इसे काला दिवस बताया.
विपक्षी दल कांग्रेस नेता संजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए ‘सरकार सारी मस्त है, राम नाम सत्य है’ का नारा दिया. सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने आठ नवंबर को ऐतिहासिक दिन बताया. इसी दिन 500 व 1000 के नोटों पर ban की घोषणा हुई थी.
संसद में हंगामे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि हंगामा कर रहे सांसदों के वेतन भत्ते रोके जाएं. कई दिनों से नोटबंदी के हंगामे की बीच संसद के दोनों सदनों की कार्यवाई रद्द हो रही है. इसी बीच राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कैशलेस इकोनॉमी के नाम पर पीएम मोदी कुछ बड़ी कंपनियों को लाभ पहुंचा रहे हैं.
इसके बीच बड़ी बात यह हुई कि राष्ट्रपति ने भी संसद में बरकरार गतिरोध के प्रति अपना विरोध प्रकट कर दिया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपील करते हुए सभी सांसदों को कहा कि भगवान के लिए अपना काम करें.
गौतरलब है कि संसद सत्र के दौरान लाखो रूपये खर्च होते है. ये पैसा जनता की वो कमाई है जो वो टैक्स के नाम पर जमा करती है.