कांग्रेस-समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद पहली बार अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस को लखनऊ के ताज होटल में संबोधित किया। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि यूपी की जनता को प्रगति मिलेगी, मुझे खुशी है कि सपा और कांग्रेस के बीच गठबधन हुआ है, अखिलेश और मेरे बीच व्यक्तिगत दोस्ती है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि आरएसएस और फासिस्ट ताकतों को हराए। इस गठबंधन के जरिए हम उत्तर प्रदेश को बदलने जा रहे हैं और भाजपा की झूठ की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं | प्रियंका गांधी के प्रचार मैदान में उतरने के बारे मे राहुल ने कहा कि प्रियंका मेरी बहन है और वह हमेशा मेरी मदद करती है, वह पार्टी के लिए काफी अहम है और यह उनपर पूरी तरह से निर्भर करता है कि वह प्रचार करना चाहती है।
मायावती पर ये बोले राहुल –
राहुल गांधी ने कहा कि मैं मायावती की व्यक्तिगत रूप से सम्मान करता हूं, उन्होंने यूपी में सरकार चलाई और कुछ गलतियां की। मायावती व भाजपा में बहुत बड़ा फर्क है। भाजपा क्रोध, गुस्सा फैलाती है, एक हिंदुस्तानी को दूसरे हिंदुस्तानी से लड़ाती है और उसकी विचारधारा से हिंदुस्तान को खतरा है, जबकि मायावती की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है।
अखिलेश की तारीफ की –
अखिलेश की नियति सही थी और उन्होंने पूरी कोशिश की, हम उसी नियती को समर्थन देना चाहते हैं। अखिलेश यूपी को बदलना चाहते हैं और हम उन्हें इसमें मदद कर सकते हैं।
निकलेगी विकास की सरस्वती –
राहुल ने कहा कि जब गंगा और यमुना एक साथ आते हैं तो सब के सब सवाल खत्म हो जाते हैं, हमने यूपी के युवा को मौका दिया है, गंगा और यमुना एक साथ आ गए हैं और प्रगति की सरस्वती बहेगी। अब एक सारे सवाल खत्म हो गए हैं एक ही जवाब मिला है 300 से अधिक सीटें मिलेगी।
लोग मन बना चुके हैं किसे वोट देना हैं – अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि साइकिल के साथ हाथ हो और हाथ के साथ साइकिल हो तो सोचो कितना तेज विकास होगा। हम मिलकर विकास को तेजी से आगे बढ़ाएंगे। यह पहला चुनाव है जब लोग मन बनाकर बैठे हैं कि किसे वोट देना है। लोगों को मौका मिलेगा उन लोगों को जवाब देने का जिन्होंने लोगों को लाइन में खड़ा कर दिया। यह प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है और देश को भी यहां से संदेश जा रहा है। मैं प्रदेश की जनता को धन्यवाद दुंगा, मैं यह कह सकता हूं कि आने वाले समय में हम देश को और आगे ले जाने का प्रयास करेंगे। तो वही वहीं जब अखिलेश यादव से मायावती के बारे में पूछा गया कि आप उन्हे बुआ कहते थे तो उन्हें अगर गठबंधन में लाते तो भाजपा को हराने में और मदद मिलती तो अखिलेश ने कहा कि अब उन्हें बुआ नहीं कहता, मायावती जी बहुत ज्यादा जगह लेती हैं, उनका चुनाव चिन्ह हाथी है, हम दोनों मायावती को उनकी जगह नहीं दे पाते।