कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार को घेरते नजर आ रहे है | कैंब्रिज एनालिटिका मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा की झूठ की फैक्ट्री काम पर है। राहुल ने एक खबर साझा करते हुए लिखा है कि – ‘भाजपा की झूठ की फैक्ट्री काम पर है। पत्रकार इस पर स्टोरी कर रहे हैं कि कैसे साल 2012 में कांग्रेस को नाकाम करने और उसमें घुसपैठ करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका को पैसे दिए गए थे। भाजपा कैबिनेट मंत्री को झूठ और फर्जी खबरें फैलाने के लिए दौड़ाती है कि कांग्रेस ने CA के साथ काम किया। असली खबरें सब खराब कर देती है।’
ये है मामला –
फेसबुक से यूजर्स का डाटा चुराकर उसका इस्तेमाल चुनाव अभियानों में करने की आरोपी कंपनी कैंब्रिज ऐनालिटिका की सेवाएं लेने को लेकर कांग्रेस और भाजपा के एक-दूसरे पर आरोप के बाद राजनीति गर्माई हुई है। दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने कई आरोप एक-दूसरे पर जड़े हैं। भाजपा ने कहा हैं कि कांग्रेस ने इस कंपनी की सेवाएं लीं तो वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि जदयू नेता का बेटा ही भारत में इसको देखता है और राजनाथ सिंह इसकी सेवाएं ले चुके हैं। इस कंपनी ने ही अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के लिए काम किया था।
कर्णाटक में तीस सीटें हार रही कांग्रेस –
तो वही कांग्रेस के लिए कर्नाटक से बुरी खबर है। एक आंतरिक सर्वे से पता चला है कि कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 30 सीटों का नुकसान हो सकता है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले दो सर्वे कराए हैं। सर्वे की रिपोर्ट फिलहाल कांग्रेस हाईकमान के पास है और इस बात पर चर्चा की जा रही है कि जिन 30 सीटों पर कांग्रेस को खतरा है, क्या वहां प्रत्याशियों को बदला जाए या नहीं। सूत्रों की मानें तो इन सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशी बदलेगी। सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस हाईकमान और राज्य की इकाई में एक नई बहस छिड़ गई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री, सिद्धारमैया ने इस मसले पर कहा कि कि जीतने योग्यता केवल एकमात्र मानदंड है। उनका तर्क है कि हाईकमान द्वारा सुझाए गए ताजा चेहरे चुनाव जीत सकते हैं या नहीं, इसलिए इस तरह के जोखिम को नहीं लिया जाना चाहिए। कांग्रेस 28 मार्च और 2 9 मार्च को उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला लेने के लिए एक बैठक आयोजित करेगी। अभी तक मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग समिति ने उन क्षेत्रों का विश्लेषण किया है, जिसमें कांग्रेस 2013 में हार गई थी।