भारत में पहली बार फरवरी की पहली तारीख को बजट पेश किया गया हैं. इस साल बजट को जल्दी पेश किया जा रहा है ताकि इसे वित्त वर्ष का अंत (31 मार्च को) होने तक इसे पास किया जा सके. इससे मंत्रालयों को पैसे जारी करने का काम भी जल्दी होगा और मंत्रालय अप्रैल से अपने खर्च शुरू कर पाएंगे. ये बजट केवल फरवरी में पेश किये जाने को लेकर ही चर्चा में नहीं था बल्कि आने वाले पाँच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में पड़ने वाले इन बजट के असर को लेकर भी ये बजट चर्चा में था.
सभी अन्य दलों में इस बजट को अभी न पेश करने की बात उठाई थी. चुनाव आयोग ने भी केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि बजट में ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की जाएँ जिनका इस राज्यों में होने वाले चुनावों पर प्रभाव पड़े. इतने विरोध के बाद भी केंद्र सरकार 1 फरवरी को ही बजट पेश किया. इससे पहले लालू यादव पीएम मोदी को भारत का डोनाल्ड ट्रम्प भी डिक्लेअर कर चुके थे.
पिछले 93 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ हैं कि रेल बजट को भी आम बजट के साथ ही पेश किया गया. जाने यें हैं इस वर्ष के रेल बजट की मुख्य बातें.
- इस वर्ष रेल किरायों में किसी भी प्रकार की कटोती व बढ़ोतरी नहीं की गयी हैं. इस वर्ष किसी भी नयी रेल की घोषणा भी नहीं की गयी हैं.
- सरकार ने बजट 2017-18 में रेलवे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष सुरक्षा कोष की स्थापना का प्रस्ताव किया है. इसके तहत ट्रैक और सिग्नल प्रणाली का उन्नयन किया जाएगा और मानवरहित क्रॉसिंग को समाप्त किया जाएगा.
- वित्त मंत्री ने आईआरसीटीसी से बुक कराए जाने वाली ई टिकट पर सेवा शुल्क समाप्त करने की भी घोषणा की है.
- सरकार ने 3500 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाने की योजना बनाई थी. इनमें से 2,800 किलोमीटर की लाइनें चालू वित्तीय वर्ष में शुरू की जा रही हैं.
- स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे, 300 स्टेशनों से शुरुआत की जाएगी.
- दिव्यांगों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 500 स्टेशन को उनकी सुविधा का ध्यान रखते हुए बनाने की घोषणा की हैं.
- रेलवे सार्वजनिक उपक्रमों आईआरसीटीसी, आईआरएफसी तथा कॉन्कॉर को विभिन्न शेयर बाजारों पर सूचीबद्ध करने की भी घोषणा की गई है.