उत्तर प्रदेश में बीजेपी के कुछ नेता जहाँ मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनावी रण में न उतारने के कारण परेशान हैं. वहीँ कुछ नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे मुस्लिम मतदाता भाजपा से बिलकुल ही कट जाएँ. इस कड़ी में साक्षी महाराज का नाम जुड़ गया हैं. इस बार साक्षी महाराज ने मुसलमानों की अंतिम संस्कार प्रक्रिया पर हमला किया है. यूपी में श्मशान व कब्रिस्तान का जिक्र काफी दिनों से चला आ रहा हैं. इसकी शुरुआत तब हुई जब नरेंद्र मोदी ने अपनी एक रैली में हिंदुओं के लिए श्मशान की कम जगह का मुद्दा उठाया. साक्षी महाराज ने कहा, ‘’मैं प्रधानमंत्री की बात सहमत नहीं हूं. कब्रिस्तान बनना ही नहीं चाहिए. अगर कब्रिस्तानों में हिंदुस्तान की सारी की सारी जमीन चली जाएगी तो खेती-खलिहान कहां होंगे ?’’
उन्नाव से बीजेपी सांसंद साक्षी महाराज का कहना हैं कि देश में करीब बीस करोड़ मुसलमान हैं. अगर सबकी कब्र बनी तो उनके लिए जगह कहां से आएगी. साक्षी महाराज ने आगे कहा, ‘’चाहे नाम कब्रिस्तान हो चाहे शमशान हो. सबका दाह संस्कार ही होना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘’किसी को गाड़ने की आवश्यकता ही नहीं है, दुनिया के बाकी मुस्लिम देशों में शवों को जलाया जाता है. उन्हें जमीन में नहीं गाड़ा जाता.’’
साक्षी महाराज ने यहाँ केवल मुस्लिमों पर ही निशाना नहीं साधा बल्कि हिन्दुओं के उस वर्ग की बात भी कही जहाँ साधू संतो की मर्त्यु के बाद उनकी समाधि बना दी जाती हैं. उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों के साथ तमाम साधुओं की भी समाधि बनती है. ऐसे में जगह बहुत सीमित है. अब समय आ गया है कि सभी का अंतिम संस्कार जलाकर ही होना चाहिए। फिर वह चाहें सन्यासी हों या मुसलमान. साक्षी महाराज का कहना हैं कि सभी धर्मों के लिए सयुंक्त श्मशान होना चाहिए.
ये पहली बार नहीं हैं कि साक्षी महाराज ने मुस्लिम धर्मं की मान्यताओं पर अपने विचार रखें हों. इससे पहले भी साक्षी महाराज अपने बडबोलेपन के कारन फँस चुके हैं. इससे पहले साक्षी को चुनाव आयोग ने एक बयान पर नोटिस भी दिया हैं. साक्षी महाराज ने एक बार ये बयान दिया था कि जिसमे भाजपा सांसद ने कथित तौर पर कहा कि ‘चार पत्नियों और 40 बच्चों की बात करने वाले जनसंख्या की समस्या के लिए जिम्मेदार हैं।’