समाजवादी पार्टी में चल घमासान में अभी तक अखिलेश यादव ही बाजी मारते नज़र आ रहे हैं. अधिकतर विधायकों का समर्थन अखिलेश को मिला हुआ हैं. सपा विधानमंडल दल की ब्रहस्पतिवार को हुई बैठक में विधानसभा और विधानपरिषद के अधिकतर सदस्यों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर अपनी सहमति दे दी हैं.
अब मुलायम सिंह के सामने एक और चुनोती आ खड़ी हुई हैं. ये चुनोती हैं है सपा बैंक अकाउंट के फ्रीज़ हो जाने की. सपा में मचे दंगल में बीच में पार्टी के सभी बैंक अकाउंट फ्रीज़ हो गये हैं. सपा के लखनऊ, दिल्ली, इटावा समेत कई शहरों में बैंक ऑफ़ इंडिया, केनरा बैंक, विजया बैंक, स्टेट बैंक व अन्य बहुत से बैंकों में अकाउंट हैं. इन सभी अकाउंट में लगभग 500 करोड़ रूपये हों सकते हैं. चुनावों की घोषणा के तुरंत बाद पार्टी के अकाउंट का फ्रीज़ होना मुलायम सिंह के लिए चिंताजनक होगा. अब इन अकाउंट से किसी भी प्रकार का कोई लेन देन नहीं हो पायेगा.
किसने करायें सपा के अकाउंट फ्रीज़
सपा के अकाउंट को फ्रीज़ करने के पीछे अखिलेश खेमे के एक बड़े नेता का नाम आ रहा हैं. मुलायम सिंह और शिवपाल के लिए ये बुरी खबर हैं तो अखिलेश खेमा भी सपा के इन बैंक एकाउंट्स से किसी भी प्रकार का लेन देन नहीं कर पाएंगे. चुनाव आयोग में जब तक पार्टी पर अधिकार का मसला नहीं सुलझेगा तब तक शायद सपा के बैंक अकाउंट फ्रीज़ ही रहेंगे.
सपा के प्रदेश कार्यालय पर अखिलेश खेमे के लोगों का पहले की कब्ज़ा हो चूका हैं. अखिलेश गुट ने बैंक में सपा के खातों को लेकर एक पत्र भी भेजा था. इस पत्र में मुलायम सिंह की जगह अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष दिखाया गया हैं और शिवपाल की जगह नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष दिखाया गया हैं. अकाउंट फ्रीज़ होने पर अखिलेश खेमें को अधिक परेशानी नहीं होंगी. जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट पर अखिलेश यादव के खेमे का अधिकार हैं और ये आर्थिक रूप से काफी सम्पन्न है.
हालाँकि अकाउंट फ्रीज़ होने पर अभी तक सपा के किसी भी नेता की और से कोई टिप्पणी नाजी आयी हैं. लेकिन अखिलेश यादव के इस कदम से यह बात साफ़ हो गयी हैं कि अखिलेश यादव अब अपने पिता से ही सत्ता के संघर्ष करने के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं.