तमिलनाडु की राजनिति में इतने दिनों से चल रहे नाटक का आज पटाक्षेप हो गया. आज सुप्रीमकोर्ट ने आज शशिकला को आय से अधिक सम्पति के मामले में दोषी पाया हैं. इसके साथ ही शशीकला का तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का सपना फिलहाल के लिए तो केवल सपना ही बनकर रह गया हैं.
तुरंत करना होगा अदालत में समर्पण
आय से अधिक संपत्ति का यह मामला 21 साल पुराना हैं. इस मामले में तमिलनाडु की दिवंगत सीएम जयललिता मुख्य आरोपी थीं. हालांकि हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया था. शशिकला, सुधाकरन और इल्वरासी पर साज़िश में भागीदारी यानी आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आरोप थे. सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला और बाकी 2 दोषियों को तुरंत निचली अदालत में समर्पण करने को कहा है.
ये भी हैं आरोप
शशिकला पर तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम के गुट ने विधायको को नज़रबंद करने का भी आरोप लगाया हैं. आपको याद दिला दें कि शशिकला तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनना चाहती थी जिसके लिए सारी खींच तान चल रही थी. इस बीच शशिकला ने कहा कि उन्होंने पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद से इसलिए हटवाया क्योंकि उन्होंने पार्टी की कट्टर प्रतिद्वंद्वी द्रमुक के साथ साठगांठ कर ली थी. शशिकला ने ये भी कहा था कि “मेरी मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा नहीं थी और यह सच्चाई है”.
ये हैं तमिलनाडु की वर्तमान राजनितिक परिस्तिथियाँ
आज के फैसले से पहले तक शशिकला उन्हें समर्थन कर रहे 129 विधायकों को एकजुट करने की जद्दोजहद में जुटी थे क्योंकि उनमें से 6 विधायक पन्नीरसेल्वम खेमे में शामिल हो चुके हैं. 11 सांसद भी पन्नीरसेल्वम का समर्थन कर रहे हैं. अब क्यूंकि शशिकला मुख्यमंत्री नहीं बन सकती इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को पार्टी से निकाल दिया है. और वहीं, ई पलानीसामी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया.
शशिकला किसी भी कीमत पर पन्नीरसेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री पद का कार्यभार नहीं सौपना चाहती. हालाँकि फैसला आने के बाद पन्नीरसेल्वम ने कहा था कि वो अम्मा यानि जयललिता की गुड गवर्नेंस जारी रखेंगे. लेकिन अभी तक पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता.