एबीवीपी और आइसा से जुड़े स्टूडेंट्स के बीच हिंसक झड़प और तनाव के बाद मुद्दा लगातार तूल पकड़ रहा है. हाल ही में करगिल शहीद की बेटी गुरमेहर कौर ने इस पूरे विवाद को अपनी एक तस्वीर के जरिये अलग ही रुख दे दिया था. अपनी इस तस्वीर में गुरमेहर ने लिखा था, ‘पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, जंग ने उन्हें मारा’.
इसके बाद पूर्व क्रिकेटर सहवाग ने भी एक ट्वीट के जरिये गुरमेहर को जवाब दे दिया. सहवाग ने ट्विटर के जरिये एक तस्वीर शेयर की जिसमें उन्होंने एक कागज हाथ में ले रखा है जिसमें लिखा है, ”दो तिहरे शतक मैंने नहीं बनाए,मेरे बल्ले ने बनाए।’ भाजपा के एक नेता तो और दो कदम आगे निकल गए. प्रताप ने ट्विटर पर दाऊद के साथ वाली तस्वीर डालते हुए लिखा है कि 1993 बम धमाके का मास्टमाइंड दाऊद ने तो देशविरोधी काम के बाद ये नहीं कहा कि मैं पुलिसवाले का बेटा हूं.
इस बीच केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने भी गुरमेहर पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कोई गुरमेहर के दिमाग में जहर भर रहा है. जबकि केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया का कोई भी प्रजातंत्र देश की संप्रभुता पर चोट की इजाजत नहीं देता.
इसके बाद से ही रामजस कॉलेज में हुआ ये सारा हंगामा सुर्खियाँ बटोर रहा हैं. अभी तक इस सारी चर्चा के पीछे केवल छात्र संगठनो ABVP व आइसा से जुड़े स्टूडेंट्स का नाम आ रहा था लेकिन अब राजनेतिक दल भी इस घमासान में कूद पड़े हैं. कांग्रेस पार्टी ने हिंसा के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि संघ परिवार से जुड़ी ताकतें लोकतंत्र पर हमलावर है. वहीँ भाजपा की और से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस से सवाल किया, ‘क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ यह है कि कश्मीर की आजादी के लिए नारे लगाए जाएं, बस्तर की आजादी के लिए नारेबाजी हो?’
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब से यह सरकार सत्ता में आई है, देशभर में हो रही हिंसा और धमकी में एक पैटर्न है. सीताराम येचुरी ने भी इस विषय पर कहा कि कैंपस की राजनीति अनके तरह के विचार होते हैं, इसको खत्म करने की कोई भी कोशिश विश्वविद्यालयों पर वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास है.